रिलेटेड सवाल – 10th के बाद कौन सा सब्जेक्ट ले साइंस और कॉमर्स ,10वीं के बाद कॉमर्स लेने के फ़ायदे ,10th ke baad commerce lene ke fayde.
दसवीं के बाद कॉमर्स लेने के फायदे के बारे में जानना चाहते हैं, तो आज हम आपको कॉमर्स सब्जेक्ट के बेनिफिट के बारे में बताएंगे क्यों? क्योंकि बहुत सारे स्टूडेंट ऐसे हैं जिन्हें सब्जेक्ट चुनने में बड़ी दुविधा होती है या हो रही है और वह साइंस, मैथ्स, आर्ट्स, commerce इन विषयों में कंफ्यूज है लेकिन हम यहां इन सभी विषयों के बारे में तो नहीं बता सकते लेकिन अगर आप commerce लेने की सोच रहे हैं और जानना चाहते हैं commerce लेने के क्या फायदे हैं, तो आज के हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपकी इस परेशानी को काफी हद तक दूर कर देंगे। इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए चलिए आर्टिकल्स की शुरुआत करते हैं और प्वाइंट वाइस जान लेते हैं 10वीं के बाद कॉमर्स लेने के फ़ायदे (10th ke baad commerce lene ke fayde)
क्या है काॅमर्स विषय?
काफी विद्यार्थी कॉमर्स सब्जेक्ट को चुना तो चाहते हैं लेकिन वह काफी कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर कॉमर्स विषय है क्या? तो आपको बता दें कि कॉमर्स एक ऐसा विषय है जो की हिसाब किताब और रोजगार के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में पढ़ाता है। साथ ही उसे मार्केटिंग के बारे में भी बताता है। यदि आप इस विषय को चुनते हैं तो आप आसानी से बिजनेस कंपनी वी दुकान की बैलेंस शीट और बाजार के ups and downs के बारे में समझ पाएंगे।
10वीं के बाद काॅमर्स (Commerce after 10th)
दोस्तों अगर आप अपने 10th क्लास के बाद 11th में कॉमर्स लेने की सोच रहे हैं। तो आपको बता दें कि यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। यह सब्जेक्ट आप आसानी से समझ और पढ़ सकते हैं। साथ ही इसका आपको फ्यूचर में भी फायदा देखने को मिलेगा। इस विषय में थ्योरी से ज्यादा आपको प्रैक्टिकल देखने को मिलेगा। इसलिए आपको इसमें पढ़ने से ज्यादा समझने की जरूरत पड़ती है। इस विषय को पढ़ने के बाद एक विद्यार्थी बिजनेस से जुड़ी सभी चीजों को आसानी से समझ पाता है।
काॅमर्स के विषय ( Commerce Subject)
कॉमर्स सब्जेक्ट के अंदर भी काफी सारे विषय आपको देखने को और पढ़ने को मिल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कॉमर्स के विषयों के बारे में।
- Business Economics (बिजनेस इकोनॉमिक्स) – आपको बता दे कि इस सब्जेक्ट में आपको बिजनेस से जुड़ी लॉ आफ सप्लाई एंड डिमांड और इकोनॉमिक्स जैसे चीजों के बारे में पढ़ाया जाता है।
- Cost Accounting (कॉस्ट अकाउंटिंग) – कॉमर्स के विषय कॉस्ट अकाउंटिंग में आपको कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े चीजों के बारे में जानकारी मिलेगी साथ ही बजट कंट्रोल से जुड़ी भी जानकारी पढ़ने को मिल सकती है।
- Auditing (एडिटिंग) – ऑडिटिंग के नाम से ही आपको पता चल रहा होगा कि इस विषय में आपको ऑडिट से जुड़ी चीज पढ़ने को मिलेगी ऑडिट में आपको कंपनी या फिर बिजनेस से जुड़े ट्रांजैक्शन या फिर इनकम के बारे में पढ़ाया व समझाया जाता है।
- Financial Accounting (फाइनैंशल एकाउंटिंग) – इस सब्जेक्ट में विद्यार्थियों को कंपनी या बिजनेस के फंड से जुड़े कामों के बारे में बताया और पढ़ाया जाता है।
- Business Finance (बिजनेस फाइनेंस) – बिजनस फाइनेंस सब्जेक्ट में आपको बिजनेस के एनालिसिस से जुड़ी चीजों के बारे में समझाया जाता है।
- Income Tax (इनकम टैक्स) – कॉमर्स के सब्जेक्ट में इनकम टैक्स से ही जुड़ी चीजों के बारे में विस्तार रूप से पढ़ाया जाता है।
- Management (मैनेजमेंट) – मैनेजमेंट से जुड़े कामों के बारे में इस सब्जेक्ट में अच्छे से सिखाता है।
- 21 day challenge क्या है गलत आदतों को अच्छी आदतों में बदले 21 दिन में
- [Top 5] youtube channel to learn english हिंदी में
- रेलवे में नौकरी करने के लिए कौन सी पढाई करनी चाहिए
- Railway में TT और लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है
- मसाज पार्लर या स्पा सेंटर में क्या होता है,मसाज पार्लर में क्या क्या होता है जानिए
10वीं (दसवीं) के बाद कॉमर्स लेने के फ़ायदे
अगर दसवीं के बाद कॉमर्स लेने की सोच रहे है या आपने कॉमर्स सब्जेक्ट चुना है या फिर चुने जा रहे हैं तो भविष्य में आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। आपको इससे फ्यूचर में यह सभी फायदे होंगे जिन्हें आप नीचे लिस्ट में देख सकते है –
- वित्तीय ज्ञान – financial knowledge
- सस्ते बजट के कोर्स – cheap budget courses
- नौकरी या व्यापार के अवसर – job or business opportunities
- आज के जीवन में ज्ञान का उपयोग – Use of Knowledge in Day Today Life
- निवेश ज्ञान – Investment knowledge
वित्तीय ज्ञान – financial knowledge
आज के टाइम में चाहे किसी भी स्ट्रीम का स्टूडेंट क्यों ना हो या कोई भी आदमी क्यों ना हो उसमें फाइनेंसियल नॉलेज तो होनी ही चाहिए। इसके बिना वह इस लाइफ के अंदर ज्यादा कुछ नहीं कर पाएगा, तो कॉमर्स के स्टूडेंट के पास यह नॉलेज बाय डिफॉल्ट होती है क्योंकि कॉमर्स के सब्जेक्ट से वह वित्तीय ज्ञान (financial knowledge) डीप नॉलेज लेता है तो उसके पास फाइनेंशियर नॉलेज पहले से ही बायडीफुल्ट होती है जिसकी वजह से वह कहीं भी जॉब करेगा, कहीं भी कोई भी बिजनेस करेगा, जहां से भी उसकी अर्निंग होगी उसको पता होगा कि यह जो पैसा है यह जो पैसा आया है इसका इस्तेमाल कैसे करना है, पैसे से पैसा कैसे कमाना है, पैसे को सेव कैसे करना है और पैसे को इन्वेस्ट कैसे करना है ताकि फ्यूचर सेफ रहे यह कॉमर्स का स्टूडेंट भली भांति जानता है तो सबसे बड़ा फायदा है उसके पास फाइनेंसियल नॉलेज पहले से ही होती है।
सस्ते बजट के कोर्स – cheap budget courses
अगर commerce सब्जेक्ट के कोर्स को साइंस सब्जेक्ट के कोर से कंपेयर किया जाए तो बहुत ही कम बजट के अंदर commerce के टॉप लेवल के कोर्स कर सकते हैं। जो कि साइंस के टॉप लेवल के कोर्स के बराबर आपको पैसा कमा कर देंगे यानी कि उतनी सैलरी मिल सकती है। अगर हम उदाहरण के रूप में समझने की कोशिश करें तो साइंस के कोर्स 1000000 लाख से शुरू होकर 1 करोड़ रूपए तक जाती है। वही कॉमर्स के जो टॉप लेवल के कोर्स है वह ज्यादा से ज्यादा 300000 लाख रुपये से शुरू करना पड़ता है लेकिन उसमे भी अगर आप कोचिंग वगैरह नहीं करते है।
जैसे: CA यह कॉमर्स के अंदर टॉप लेवल का कोर्स है अगर आप CA आप करते है और उसमे कोचिंग ना करके सेल्फ स्टडी करते है या फिर फ्री सोर्स की हेल्प से पढ़ाई करते है, तो 100000 लाख में CA हो जाता है। उसमे भी आपको एक साथ पैसे खर्च नहीं करना पड़ता है बल्कि किस्तों में देना होता है जैसे: कभी 10000 हजार, कभी 20000 हजार इस तरह। टोटल मिलाकर पूरा 4 से 5 साल का कोर्स है जो एक से डेढ़ लाख रुपए में हो जाता है, तो बहुत ज्यादा सस्ता है।
नौकरी या व्यापार के अवसर – job or business opportunities
आप चाहे किसी भी फील्ड के किसी भी सेक्टर के बिजनेस को उठा लीजिए आप चाहे तो हॉस्पिटल या पेट्रोल पंप का उदाहरण उठा लीजिए। हर जगह दो से तीन चीजें कॉमन है एक तो “मैनेजमेंट” यह आपको करना ही पड़ेगा, मैनेजर को अप्वॉइंट करना ही पड़ेगा और दूसरा “अकाउंटेंट” आपको अकाउंटेंट चाहिए ही चाहिए। यह दोनों कौन होंगे कॉमर्स वाले, तो हर बिजनेस के अंदर किसी भी सेक्टर का क्यों ना हो कॉमर्स वाला एंट्री लेगा ही लेगा क्योंकि उसके बिना काम चलेगा ही नहीं।
कॉमर्स वाला एंट्री लेगा तो अपने देख ही लिया जॉब क्रिएशन कितना बड़ा है इसके अंदर और एंट्री लेने के बाद में उसके प्रमोशन के चांस भी बहुत ज्यादा होते हैं जैसे अगर CA और CS, CMS या MBA आपने कर रखा है, तो आपका प्रमोशन धीरे-धीरे होता जाता है। इसमें आपकी जॉब अपॉर्चुनिटी भी बहुत अच्छी है, आपकी सैलरी भी बहुत अच्छी है। इसके अलावा आपके पास इतना ढेर सारा नॉलेज है जैसे आपको पता है कि फाइनेंस को कैसे यूज करना है तो आप किसी कंपनी से जुड़कर वहां जॉब करके, बिजनेस कैसे करते हैं बिजनेस खड़ा कर सकते हैं और उसको ऊंचाइयों में ले जा भी सकते हैं क्योंकि उसके चारों ओर एक चीज है जो कॉमन है वह घूमती रहती है वह है बिजनेस तो कॉमर्स के स्टूडेंट को यह सभी फायदे मिलते हैं।
आज के जीवन में ज्ञान का उपयोग – Use of Knowledge in Day Today Life
जो कॉमर्स का नालेज होता है वह डे टुडे लाइफ में यूज होता है, काम आता है। कॉमर्स में आप चाहे बीकॉम, बीबीए,एमकॉम, सीए, सीएस, एमबीए करें कुछ भी करें इसमें आपको एकाउंटिंग पढ़नी होगी, टैक्सेशन, कॉस्ट, फाइनेंस पढ़ना होगा। यह जितने भी हमने आपको सब्जेक्ट बताए हैं यह आपकी डे टु डे लाइफ में काम आएंगे क्योंकि एकाउंटिंग आपको अपने लाइफ के अंदर भी करनी ही पड़ेगी और फाइनेंस भी आप अपने पैसों का देखेंगे ही तो यह सब चीजें आपकी day-to-day लाइफ में काम आते हैं। अगर कंपेयर करें अदर सब्जेक्ट से दूसरे स्ट्रीम के तो वह इतना काम नहीं आते हैं जितने कॉमर्स सब्जेक्ट आपके डे टु डे लाइफ में यूज आते हैं, काम आते है।
निवेश ज्ञान – Investment knowledge
कॉमर्स का स्टूडेंट फाइनेंशियल नॉलेज की वजह से वह इन्वेस्टमेंट बहुत अच्छी तरीके से कर सकता है जैसे अगर अदर स्ट्रीम का स्टूडेंट शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट करना चाहता है तो उसको किसी की एडवाइस लेनी पड़ेगी। कौन सी कंपनी अच्छी है, कौन सी कंपनी अच्छी नहीं है, कैसे पता करते हैं, कंपनी के फाइनेंशियल कैसे पढ़ते हैं, उसका एनालिसिस कैसे करते हैं टिप्स लेनी पड़ेगी लेकिन अगर कॉमर्स के स्टूडेंट हैं, तो आपके पास फाइनेंसियल नॉलेज पहले से है आप इन्वेस्टमेंट खुद कर सकते हैं, आप शेयर मार्केट के अंदर जो भी कंपनी है या जो भी कंपनी आपको अच्छी लगती है उस कंपनी के बारे में आप एनालिसिस कर सकते हैं।
आप उस कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट खुद पढ़ सकते हैं और अपने नॉलेज के बेस पर अपना एनालिसिस करके डिसीजन ले सकते हैं कि किस कंपनी में पैसा लगाना चाहिए या नहीं लगाना चाहिए क्योंकि शेयर मार्केट में कल क्या होगा किसी को नहीं पता है इसलिए पैसा उन कंपनी में लगाएं जिनके फाइनेंशियर अच्छे हो और जिनके फ्यूचर फॉर कास्टिंग बहुत अच्छी हो। यह चीजें कॉमर्स का बंदा अच्छे से जानता है कि फाइनेंसियल अच्छे हैं या नहीं यह कैसे पता करें वह खुद एनालिसिस कर सकता है क्योंकि उसने यह सब कुछ पढ़ाई के दौरान कर रखा होता है। तो इन्वेस्टमेंट नॉलेज बाय डिफॉल्ट होता है जिसकी वजह से वह अपनी शेविंग को इन्वेस्टमेंट में लगाकर कई गुना बढ़ा सकता है।
COMMERCE लेने के बाद scope
अगर आपने भी कॉमर्स ली है लेकिन आपको उसके स्कोप के बारे में नहीं पता है कि आप आगे चलकर क्या बनना चाहते हैं। तो अब हम आपको कॉमर्स को लेकर उसके स्कोप के बारे में बताएंगे। तो कृपया आप से ध्यान से पढ़ें।
Chartered Accountant (CA)
अगर आपने कॉमर्स ली है तो आप भी इन फ्यूचर चार्टर्ड अकाउंट बनकर अपना एक अच्छा करियर बना सकते हैं। कॉमर्स लेकर का बनने में आसानी मिलती है क्योंकि इस विषय में बिजनेस से जुड़े सभी चीजों को बताया जाता है। साथ ही लेखांकन के बारे में भी बताया जाता है। तो अगर आप यह दोनों चीजों को अच्छे से समझ और सीख जाएंगे तो आप जरूर भविष्य में एक अच्छे चार्टर्ड अकाउंट बन पाएंगे। तो आप इस सब्जेक्ट को जरूर चुने अगर आपको चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना है।
Company Secretary (CS)
कंपनी सेक्रेटरी जिसे CS के नाम से भी जाना जाता है। तो आप यह कॉमर्स का सब्जेक्ट लेकर आसानी से बन सकते हैं। कंपनी के अधिकारी को ही कंपनी सेक्रेट्री कहा जाता है। जो कि पूरे कंपनी में मैनेजर के पोस्ट पर काम करता है। साथ ही वह कंपनी में हो रहे सभी कामों पर भी निगरानी रखता हैं।
Banking
बैंकिंग का काम एक ऐसा है जो कि हर व्यक्ति करना चाहता है। तो अगर आप कॉमर्स विषय लेते हैं तो आपको बैंकिंग से जुड़े सेवा करने का मौका मिलता है। जैसा कि आपको पता है कि कॉमर्स विषय में आपको लेखांकन के बारे में बताया जाता है। साथ ही बैंक में हो रहे सभी काम ज्यादातर accounting से ही जुड़े होते हैं। तो आपको काफी आसानी हो जाती है बैंकिंग एरिया में काम करने की।
Chartered Financial Analyst Program
अगर आपके पास अकाउंटिंग और फाइनेंशियल डिपार्टमेंट की जानकारी अच्छे से है। तो आप कॉमर्स लेकर चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट प्रोग्राम का काम कर सकते हैं। इस काम में आपको केवल आंकड़ों के साथ खेलना होता है।
Investment banking
यदि आपने 12वीं के बाद बीकॉम कर रखी है तो आप उसके बाद भी CFA सर्टिफिकेट कोर्स करके एक अच्छे इन्वेस्टमेंट बैंकर बन कर। अपनी एक पहचान बनाकर पैसा कमा सकते हैं आपको बता दे की इन्वेस्टमेंट बैंकिंग वालों का काम फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट से जुड़ा होता है।
Accountant
दोस्तों आपको बता दें कि आपको अगर अकाउंटेंट बनकर काम करना है। तो उसके लिए आपको अपने एमकॉम में अकाउंट के सब्जेक्ट को लेना होगा। और इसको पूरा करके आप अकाउंटेंट, फाइनेंशियल डायरेक्टर, चीफ ऑडिटर, चीफ अकाउंटेंट के पोस्ट पर आसानी से काम कर सकते हैं।
Digital Marketing
जैसा कि आप लोगों को भी दिख रहा होगा कि धीरे-धीरे हमारा देश डिजिटल की और बढ़ रहा है। मतलब की सभी काम ऑनलाइन हो रहे हैं चाहे वह व्यापार ही क्यों ना हो। तो ऐसे में अगर आपको अपना कैरियर डिजिटल मार्केटिंग में बनाना है। तो वह एक काफी अच्छा ऑप्शन हो सकता है उसके लिए आपको केवल दसवीं के बाद कॉमर्स सब्जेक्ट लेना होगा और फिर आगे चलकर डिजिटल मार्केटिंग की पढ़ाई करनी होगी। डिजिटल मार्केटिंग वालों का काम किसी भी प्रोडक्ट का प्रचार, विज्ञापन, ब्रांडिंग या उसे बेचना या खरीदना का होता है। यह काम वह कंप्यूटर या मोबाइल से भी कर सकता है।
COMMERCE विषय को क्यो चुने?
हमने आपको कॉमर्स के बारे में सभी जानकारी तो दे दी। लेकिन अब हम आपको कुछ कारण बताएंगे कि क्यों आपको कॉमर्स विषय चुने चाहिए। तो नीचे दिए गए कर्म को ध्यान से पढ़ें। पहला कारण यह है कि आजकल ज्यादातर लोग व्यवसाय की ओर बढ़ रहे हैं। और आपको पता है कि कॉमर्स विषय में सबसे ज्यादा बिजनेस से जुड़ी चीज ही समझे जाती है। तो अगर आप कॉमर्स चुनते हैं तो आप व्यवसाय के कुछ फंडामेंटल सीख सकते हैं। जिसका इस्तेमाल करके आप अपना भी बिजनेस आसानी से खोल सकते हैं।
कॉमर्स लेने से आपको यह फायदा होगा कि आप अपने रोज के काम आने वाली परेशानियों को आसानी से सॉल्व करने के बारे में सीख पाएंगे। जैसा की अकाउंट फाइनेंस बाजार के उतार-चढ़ाव आदि के बारे में। आपको कॉमर्स में ज्यादातर प्रैक्टिकल चीज सिखाई जाती है। जिसकी जरूरत आपको अपनी डेली लाइफ में पढ़ती है। देखा जाए तो जो व्यक्ति कॉमर्स लेता है वह बाकियों के मुकाबले काफी अच्छे तरीके से बजट को मेंटेन करके रख पाता है। साथ ही बजट को अच्छे से समझ भी पता है।
कॉमर्स वाले स्टूडेंट को म्युचुअल फंड्स, FD या शेयर बाजार के बारे में काफी अच्छे से पता होता है। उसे यह पता होता है कि किस चीज में पैसे इन्वेस्ट करने से फायदा मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कॉमर्स लेने पर लोगों को इन्वेस्ट करने की नॉलेज काफी आ जाती है। उन्हें अच्छे से बताया जाता है कि उन्हें कहां पर पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए। सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आप 11th में कॉमर्स लेते हैं तो आपको बहुत महंगी कोचिंग लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इस विषय को पढ़ने पर सबसे ज्यादा आपका मन बिजनेस में डेवलप करता है। जिसकी मदद से आप आगे चलकर अपना कैरियर बिजनेस में बना सकते हैं और काफी आगे बढ़ सकते हैं। कॉमर्स लेकर आपको काफी सारे करियर ऑप्शंस मिलते हैं। जिसमें एक अच्छा फ्यूचर बन सकता है।
Commerce विषय चुनने के खामियां
आप कॉमर्स में साइंस सुने या आर्ट खामियां तो सब में आती है। तो अब हम बात करेंगे कॉमर्स विषय चुनने के कुछ खामियों के बारे में। जैसा कि आप लोगों को पता है कि समय-समय पर टैक्स, मैनेजमेंट स्किल्स और व्यापार यह सब बदलते रहते हैं। तो आपको जरूरत पड़ेगी कि आप समय-समय पर खुद को बिजनेस से जुड़ी चीजों के बारे में जानकर अपडेट करते रहे। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके लिए काफी मुश्किल बढ़ सकती है।
यदि आप कॉमर्स लेते हैं तो आपको मैथमेटिक्स की समझ सबसे ज्यादा होना जरूरी है। और काफी बच्चों को मैथ्स को ही पढ़ने में मुश्किल आती है। यदि आप कॉमर्स का विषय लेते हैं तो साइंस से जुड़ी करियर को आप नहीं बना सकते हैं। वही बात की जाए साइंस के विद्यार्थियों की तो वह साइंस लेकर भी कॉमर्स में अपना कैरियर बना सकते हैं।
FAQs. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल?
ग्यारहवीं कॉमर्स में कितने सब्जेक्ट होते हैं?
ग्यारहवीं कॉमर्स सब्जेक्ट – एकाउंटेंसी (Accountancy), अर्थशास्त्र (economics), एंटरप्रेन्योरशिप (Entrepreneurship), बिजनेस स्टडीज (Business Studies), फिजिकल एजुकेशन (Physical Education), इंफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस (Informatics Practices) आदि।
बारहवीं कॉमर्स के बाद करियर क्या है?
बारहवीं कॉमर्स के बाद करियर विकल्प – लागत और प्रबंधन लेखांकन (cost and management accounting), चार्टर्ड अकाउंटेंसी (Chartered Accountancy), आयकर अधिकारी (Operation Manager), HR मैनेजर, टैक्स इंस्पेक्टर (Tax Inspector) आदि।
कॉमर्स में सरकारी जॉब कौन-कौन से होते हैं?
IR.S., I.A.S., I.F.S. इसके अलावा एसएससी, स्टेनोग्राफर, इंडियन आर्मी, बैंकिंग जॉब, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि।
दसवीं के बाद कॉमर्स में एडमिशन लेने के लिए कितना परसेंट चाहिए?
दसवीं के बाद कॉमर्स में एडमिशन लेने की सोच रहे है, तो 10th बोर्ड में आपको 60 से 80 के बीच परसेंट लाने होते है तब जाकर इन प्रेसेंटेज के आधार पर आपको कॉमर्स में एडमिशन दिया जाता है।
निष्कर्ष (conclusion):
हमने आज 10वीं के बाद कॉमर्स लेने के फ़ायदे के बारे में संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। इसके साथ ही हमने प्वाइंट वाइस कॉमर्स के फायदे से जुड़े सभी पहलुओं को समझने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है 10वीं के बाद कॉमर्स लेने के फ़ायदे (10th ke baad commerce lene ke fayde) के बारे में सभी जानकारी आपको समझ आ गई होगी। अगर आपके मन में इससे जुड़ा कोई सवाल है, तो हम कमेंट में पूंछ सकते है। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल हेल्पफुल लगा है और कुछ नया जानने को मिला है, तो इसे अपने फ्रेंड्स और फैमली के साथ शेयर करना ना भूलें।
धन्यवाद!
- यह भी पढ़े – टॉपर कैसे बने टॉपर बनने के लिए कितने घण्टे पढ़ना पड़ता है जानिए
- पढाई कैसे करें जो आपको सब याद रहे जानिए बेस्ट टिप्स एंड ट्रिक्स
- लड़कियों के लिए सबसे अच्छा कोर्स कौन सा होता है
- महंगाई की समस्या पर निबंध 500 शब्दो में हिंदी में – महंगाई के कारण , इसके नुकसान और महंगाई रोकने के उपाय
- फोटो खींचकर आंसर बताने वाला app (Photo scan and answer)
- 75 days hard challenge क्या है इसके नियम, फायदे और नुकशान
- पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा ऐप कौन सा है? Top 10 best app for study
- पढाई कैसे करे जो हमेशा याद रहे। जानिए याद करने का वैज्ञानिक तरीका
हे दोस्तों, मेरा नाम गोविन्द है में इस ब्लॉग GtechHindi का फाउंडर और सीनियर एडिटर हूँ। मैं By Profession ऑटोमोबाइल इंजीनियर हूँ और By Passion डिजिटल मार्केटिंग और ब्लॉग्गिंग करता हूँ जो की मेरा शौक है।
मेरे शौक के बारे में – मुझे सोशल मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग, इंटरनेट, कंप्यूटर और इंजीनियरिंग कला में रुचि है। मैं हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करता हूं, क्योंकि अगर आपके पास ज्ञान है कुछ नया कर सकते हैं।
“मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं”
” be the best version of yourself”