आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान,AI ka future ?

आपके सवाल :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है, इसकी विशेषताएं समझाइए,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फ्यूचर ,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक.

आजकल जैसे जैसे दुनिया आगे बढ़ रही है। वैसे वैसे ही नई नई तकनीक भी आ रही है। आज कल एक तकनीक जो हर किसी के चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसे हम लोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नाम से जानते हैं। यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जिसमें कोई भी काम इंसान से भी कम वक्त में पूरा कर सकती है। यह इंसानों की तरह सोच और समझ सकती है। यदि आपको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। तो आप एकदम सही लेख पर आए हैं। इस लेख में हमने बताया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फ्यूचर क्या होगा , साथ ही हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान बताने की पूरी कोशिश की है। तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ कर इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?

 यह एक बुद्धि की शक्ति या क्षमता जिसे आर्टिफिशियल तरीके से डेवलप किया जाता है। अगर आसान भाषा में समझाए तो यह एक ऐसा मशीन सिस्टम है। जो कि इंसान की तरह सोच और समझ की शक्ति रखता है। यह इंसानों की तरह सभी कामों को अपने हिसाब से करता है। इसकी मदद से कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है और उन्हें उसी हिसाब से बनाया जाता है जिस हिसाब से इंसानों का दिमाग काम करता है। इसकी मदद से काफी मशीनों में स्मार्ट वर्क वाली प्रोग्राम  सेट की गई है। जिससे मशीनें खुद अपना डिसीजन लेने में सक्षम हो रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत कैसे हुई?

Ai का आविष्कार अमेरिका कंप्यूटर वैज्ञानिक जॉन मैकार्थी  द्वारा किया गया था।AI या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सन् 1950 में इसकी शुरुआत की गई थी। लेकिन इसकी importance को सन् 1970 में पहचान मिली। जापान ने सबसे पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर कदम बढ़ाए थे। जिसमें उन्होंने सुपर कंप्यूटर के डेवलपमेंट के लिए के 10 साल के काम की आउटलाइन प्रस्तुत की थी। इसके बाद अलग अलग देशों ने इस पर ध्यान देना चालू किया। और कई सारे प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार

आपको बता दे कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस मुख्य 3 प्रकार के होते है :

●    Weak आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

इस Weak AI को Narrow AI के नाम से भी जाना जाता हैं। इसका नाम यह इसलिए पड़ा क्योंकि यह केवल एक ही काम कर सकता है। भविष्य में आकर ये weak AI दुनिया की सबसे आम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में से एक होगी। यह केवल तभी काम करता है जब इसको कोई ऑर्डर या रिस्पॉन्स दिया जाता है।

Narrow AI में केवल कुछ विशेष काम ही हो सकते हैं। उससे ज्यादा काम करने में यह असफल होता है। Weak AI के काम कुछ इस प्रकार है Speech recognition, image recognition, playing games, automated drive,  Google Maps, spam filters on email आदि।

●    Strong आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

Strong AI को General AI के नाम से  भी जाना जाता है।  यह से किसी भी बुद्धि वाले काम एक इंसान की तरह अच्छे से कर पाता है। इस AI को बनाने के पीछे एक कारण  था। यह मशीनों को भी एक आम आदमी की तरह सोच कर फैसला लेने में सक्षम बना सकें।

●    Super AI

अभी तक केवल आर्टिफिशियल सुपर इंटेलीजेंस की कल्पना ही की गई है। डेवलपर्स और प्रोग्राम्स का मानना है कि super AI की सोचने समझने और सीखने की शक्ति। मनुष्य के दिमाग के मुकाबले कई गुना ज्यादा होगी और साथ ही ताकतवर भी। यह AI खुद से फैसला लेने में  सक्षम होगा। सुपर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI की दुनिया का future है सुपर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काफी पावरफुल होंगे इनमें सेल्फ डिसीजन और कार्य करने की क्षमता होगी माना जा रहा है कि आने वाले समय में सुपर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मनुष्य जैसे कई इमोशन भी ऐड हो सकते हैं तो दोस्तों AI की दुनिया वाकई काफी कमाल की होने वाली है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान,AI ka future ?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उदाहरण

स्मार्टफोन

आज कल हर कोई स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है। तो आपको बता दें कि स्पार्टफोन में मौजूद गूगल मैप, गूगल AI, voice सर्च , ऑनलाइन साइट पर आपको दिखाए जाने वाले आपके इंटरेस्ट के विज्ञापन, सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले कंटेंट जो केवल आपके इंटरेस्ट के होते हैं, आप जिस भी प्रकार का वीडियो देखते हो उसी से रिलेटेड अन्य वीडियो आपको दिखाई देते है आदि भी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही उदाहरण है।

chat gpt AI tool

चैट जीपीटी के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल है जो कि आपके कभी सारे काम चुटकियों में कर सकता है चैट जीबीटी आज कल में काफी ज्यादा पॉपुलर हो रहा है या आपके हर प्रकार के सवालों के जवाब सटीक दे सकता है और भी काफी सारे कार्य आपके लिए कर सकता है जैसे कि कोडिंग, कंटेंट राइटिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग आदि चैट। chat GPT क्या है, इसका उपयोग कैसे करें और इस से पैसे कैसे कमाए जानिए

गूगल मैप्स

गूगल मैप में हम जब भी किसी भी रास्ते को खोजते हैं तो गूगल AI मैपिंग के साथ सड़कों को स्कैन करता है। और साथ ही अपने एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके हमें सही रास्ता बताने में मदद करता है।

रोबोट्स

आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से ही रोबोट बनाए गए। रोबोट्स में हर प्रोग्राम को सेट कर दिया जाता है कि कैसे उन्हें कोई भी काम करना है। आने वाले समय में हर चीज़ रॉबोटिक में बदल सकती है।

ai robot

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग

अब आप यह तो जानते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है जो स्मार्ट और बुद्धिमान  मशीनों को बनाने में मदद करती है। जो इंसानों के बिना काम करने के काबिल है। AI में कुछ इस तरीके से प्रोग्राम सेट किया गया है। ताकि वह डाटा एनालिसिस करके चीजों को सीखकर और ढूंढ कर ही अपना काम कर पाए। आज के समय में AI इंसानों के रोजाना कामों में इस्तेमाल में आती है। इसके उपयोग से हमारे जीवन को बदल दिया गया है। जैसे कि गूगल मैप्स, सेल्फ ड्राइविंग कार, ऑनलाइन मार्केटिंग आदि। इंसान अपने कामों को आसान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करती है। क्योंकि इंसानों के मुकाबले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काफी तेज और स्मार्ट वर्क कर पाती है।

आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग लगभग हर फील्ड में किया जा रहा है एजुकेशन से लेकर बैंक और बड़े-बड़े कंपनियों तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग किया जा रहा है।  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स काफी कम समय में और बिना किसी गलती के काफी कम कॉस्ट में  काम को करने में सक्षम होता है इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के समय में काफी महत्वपूर्ण है

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे

जैसे कि दोस्तों हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं ठीक उसी प्रकार हर चीज के भी नेगेटिव और पॉजिटिव प्वाइंट होते हैं मतलब फायदे और नुकसान तो चलिए जानते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्या है फायदे और क्या-क्या नुकसान

मनुष्य की गलतियों में कमी

देखा जाए तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत ही कम गलती करता है इंसानों की तुलना। और यदि इंसानों से भी कोई गलती होती है। तो  यह उसको ठीक या फिर कम कर सकता है। AI में गलतियाँ इसलिए नहीं होती है क्योंकि उसमें पहले से ही प्रोग्राम सेट होता है की किस काम को कौन से तरीके से करना है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डेटा को स्टोर करता है और उसमें  मौजूद गलतियों को पहचान कर उन्हें सही करता है। फिर उसके बाद वह उस काम को पूरा करता है। यह मुश्किल से मुश्किल कैलकुलेशन को भी आसानी से कैलकुलेट करता है।

जोखिम में कमी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक हमारे जोखिम भरे कामों  को आसानी से कर पाता है। इंसानों के मुकाबले AI ज़्यादा जोखिम भरे काम कर पाती है। जिसे इंसान शायद ही कर पाए। जैसे किसी बम को डिफ्यूज करना, तेल कोयले की माइनिंग करना या समुद्र के सबसे गहरे हिस्से की खोज करना आदि। AI द्वारा बनी मशीन या फिर रोबोट का इस्तेमाल नेचुरल डिजास्टर के समय भी किया जा सकता है।

नई खोज

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से नए नए आविष्कार करने में भी इंसानों को मदद मिलेगी। दुनिया के हर डिपार्टमेंट में AI इंसानों की मदद कर पाएगा। फिर चाहे वो हेल्थ, मेडिकल, एजुकेशन, स्पोर्ट्स या मनोरंजन का ही डिपार्टमेंट क्यों न हो। आपको बता दे AI की मदद से आने वाले समय में कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों का भी इलाज संभव हो पाएगा।

तेज निर्णय लेने में मददगार

देखा जाए तो एक मशीन इंसानों के मुकाबले काफी तेज गति से फसला ले सकती है। साथ ही किसी काम को इंसानों से भी तेज कर सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी इंसान किसी चीज़ का निर्णय लेता है। तो वह काफी चीजों के बारे में सोचता है। उसे एनालाइज करता है और ऑब्जर्व करता है। इन सब में काफी समय बर्बाद होता है। वही बात की जाए मशीनों की तो उसमें पहले से ही प्रोग्राम सेट होते हैं की उन्हें निर्णय कैसे लेना है। जिसकी वजह से निर्णय लेने में कम समय लगता है। जैसे टीचर्स अपने बच्चों की कॉपी चेक करती है तो उसे समय लगता है। परन्तु यदि उसे कंप्यूटर करता है तो उसे काफी तेज गति से कर परिणाम दिखा देता है।

बार बार करने वाले काम को पूरा करता है

इंसानों के जीवन में ऐसे कई काम होते हैं जिन्हें उसे बार बार करना पड़ता है। जैसे किसीको गुड मॉर्निंग का मैसेज भेज ना,बर्थडे विश करना या एनिवर्सरी विश करना आदि। ऐसे ही कामों को हम रिपिटेटिव जॉब्स कहते हैं जिन्हें हमें हर बार दोहराना पड़ता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसे ही काम को करने में हमें मदद मिलती है।

रोजाना के एप्लीकेशन

आज के समय में इंसान मोबाइल और इंटरनेट पर बहुत निर्भर हो चुका है। रोजाना उसे गूगल मैप, एलेक्सा, एपल के सीरी, सेल्फी लें ना, फ़ोन कॉल करना, मैसेज करना, मेल का जवाब देना आदि। जैसे कामों के लिए एप्लीकेशन का उपयोग करना पड़ता है। यह सब ऐप्लिकेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा बनाई गई। जिससे हमारा काम काफी आसान हो गया है।

काम करने की क्षमता बढ़ाता है

देखा जाए तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मनुष्य के काम करने की शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इसकी मदद से इंसान छोड़ बड़े काम को आसानी से पूरा  कर पाता है। साथ ही काम में तेजी से पूरा करने की भी मदद मिलती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान

बेरोजगारी में बढ़ोतरी

सबसे बड़ी नुकसान वाली बात यही है के ए आई के वजह से बेरोजगारी बढ़ेगी। हम सब यह बात जानते हैं कि मशीन इंसानों की तरह काम कर सकती है। यहाँ तक कि उनसे बेहतर और तेजी से काम कर पाते हैं।  पर इसका नुकसान भी इंसानों को मिलता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद बेरोजगारी काफी तेजी से बढ़ी है। क्योंकि इंसानों की जगह अब मशीनों ने ले ली है। पहले के समय में ऐसा नहीं होता था क्योंकि तब ए आई नाम की कोई चीज़ नहीं थी। और सारा काम इंसानों द्वारा ही किया जाता था।उदाहरण के रूप में देखा जाए तो पहले के लोग चिट्ठियां पोस्ट बॉक्स द्वारा भिजवाते थे। परन्तु अब अपने मोबाइल द्वारा ही मैसेज कर के भेज पाते हैं।

हाई कोस्ट

देखा जाए तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के डिवाइसेस को बनाने में काफी ज्यादा पैसा खर्च किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन डिवाइसेज को बनाने के लिए बहुत ही अलग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए एक ही डिवाइस बहुत ज्यादा महंगे होते हैं। साथ ही इनकी मेंटेनेंस का खर्चा भी बहुत ज्यादा आता है।

इंसानों में बढ़ा आलसपन

जैसे जैसे इंसान पूरी तरह से मशीनों पर निर्भर हो रहा है। वैसे ही वह आलस्य की ओर बढ़ता जा रहा है। अपने रोजाना के कामों को मशीनों द्वारा  ही करने के कारण आलसी बनता जा रहा है। छोटे से छोटा या बड़ा काम को पूरा करने के लिए इंसान मशीनों का ही इस्तेमाल करने लग गया है। अगर ऐसा ही चलता रहा हैं तो आने वाला भविष्य बहुत ही ज्यादा  आलस से भरा हुआ होगा। इसी हालत के कारण इंसानों के  स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां भी बढ़ती रहेंगी।

लैक ऑफ क्रिएटिविटी

देखा जाए तो इंसानों के मुकाबले मशीनों में बहुत कम ही क्रिएटिविटी पाई जाती है।हर इंसान में कुछ न कुछ क्रिएटिव होता ही है जिसके कारण वह किसी भी काम को अच्छे तरीके से कर पाती है। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पास ऐसा कुछ भी नहीं है। इनके अंदर पहले से ही सिस्टम फिट कर दिया जाता है कि किसी काम को कैसे करना है। इसलिए यह अपने  मर्जी से कुछ भी नहीं कर सकते।

नो इम्प्रूवमेंट

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने आप कोई भी इम्प्रूवमेंट नहीं कर सकती। यह सिर्फ उतना ही काम करती है जितना इसमें कोई प्रोग्राम सेट किया जाता है। अगर इसकी परफॉर्मेंस को और भी अच्छा करना होता है। तो इसको दूसरे कमांड दिए जाते हैं। वही बात की जाए इंसानों की तो वह खुद ही अपने काम की शक्ति को बढ़ा और घटा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फ्यूचर

अगर आज के समय में देखा जाए तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भविष्य बहुत अच्छा नजर आता है। क्योंकि धीरे धीरे इंसान और उनके काम मशीनों पर निर्भर होते जा रहे हैं। आने वाले समय में इंसान अपने रोजाना कामों के लिए पूरी तरह से मशीनों पर डिपेंडेंट हो जाएगा। इसका मतलब है कि बिना मशीनों ये हमारा कोई काम नहीं होगा। हमारे आने वाले भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बहुत बड़ा योगदान होने वाला है। इसका इस्तेमाल हेल्थ ऑटो डिफेंस एंड सिक्योरिटी मैन्युफैक्चरिंग एजुकेशन एंटरटेनमेंट वर्चुअल रियलिटी बैंकिंग एंड फाइनैंस आदि जैसे डिपार्टमेंट में किया जाएगा।

धीरे धीरे मशीनें बहुत एडवांस्ड और स्मार्ट हो जाएगी कि उन्हें कमांड देने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। और वह अपना हर काम खुद कर पाएगी। वह भी इंसानों की तरह सोच समझकर और जिम्मेदारी के साथ। ऐसे में इंसान और भी ज्यादा आलसी और आराम पसंद करने लगेगा। क्योंकि इंसानों के काम अगर मशीन करने लगी। तो इंसानों में से काम करने की आदत छूट जाएगी।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास बदल देगा हमारा भविष्य

आइए आप जानते हैं कैसे ए आई का विकास हमारे भविष्य को बदल देगा।

हेल्थ केयर

बात की जाए हेल्थ डिपार्टमेंट की तो उसमें ai एक बहुत बड़ा बदलाव ले कर आने वाली है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास होने के बाद हेल्थ केयर अभी चल रही व्यवस्था को बदल देगी। आने वाले समय में ए आई बहुत ही छोटे स्तर पर मरीजों की बड़ी सर्जरी करने में सफल होंगी। एआई यानी के बाद इंसान अपने हेल्थ का रोजाना मॉनीटर करने का काम आज के समय के हिसाब से ज्यादा अच्छे से कर पाएंगे।

एजुकेशन

आने वाले समय में क्लासरूम पूरी तरीके से डिजिटल हो जाएगा। अभी जैसे टीचर्स का बहुत समय होमवर्क ग्रेडिंग और ईवोलूशन करने में बीतता है। वही भविष्य में एआई की मदद स ऐसे कामों को काफी आसान बना दिया जाएगा। ए आई आने के बाद स्टूडेंट्स ज्यादा पर्सनलाइज्ड और आराम वाले माहौल में पढ़ाई कर पाएंगे।

मैन्यूफैक्चरिंग

यदि किसी पर सबसे ज्यादा एआई का प्रभाव पड़ेगा तो वह है मैन्यूफैक्चरिंग। आने वाले समय में निर्माण वाले काम पूरी तरह से ऑटोमैटिक किया जाएगा। साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन को पूरी तरह से ऑप्टिमाइज़ करने का काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करा करेगी। ए आई खुद ही प्रॉडक्ट को बनाने जांचने और क्वालिटी चेक आदि जैसे काम करेंगे।

निष्कर्ष

  दोस्तों हमने आपको इस आर्टिकल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में हर चीज़ बताने की कोशिश की है। इसमें हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है, इसकी विशेषताएंआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान , ai का future कैसा होगा यह सब बताया है।  साथ ही साथ इसके कुछ उदाहरण और इसके प्रकार भी बताए हैं। हम आशा करते हैं कि आप इस आर्टिकल को पढ़कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे होंगे। यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसको अपने दोस्तों से शेयर करें। ताकि वह भी एआई के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सके। अगर आपको अपना कुछ भी सुझाव देना है तो वह आप कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं। हम आपके कमेंट पर जल्द से जल्द रिप्लाइ देने की कोशिश करेंगे।

F.A.Q

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस क्या है?

यह एक बुद्धि की शक्ति या क्षमता जिसे आर्टिफिशियल तरीके से डेवलप किया जाता है। अगर आसान भाषा में समझाए तो यह एक ऐसा मशीन सिस्टम है। जो कि इंसान की तरह सोच और समझ की शक्ति रखता है।

AI कितने प्रकार के होते हैं?

यह तीन प्रकार के होते है। Weak ai, strong ai और super ai।

हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आवश्यकता क्यों है?

इंसान अपने कामों को आसान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करती है। क्योंकि इंसानों के मुकाबले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काफी तेज और स्मार्ट वर्क कर पाती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी में क्या कहते हैं?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमता कहते हैं मतलब इंसानों द्वारा बनाई गई बुद्धि , इस बुद्धिमता का उपयोग मशीनों को हाय पावरफुल बनाने में किया जाता है।

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