दोस्तो ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री की बैकबोन ट्रक और बस उसको माना जाता है अगर ट्रक का अविष्कार नहीं हुआ होता तो शायद ही इंसान भारी सामान एक जगह से दूसरी जगह ले कर जा सकता और विकास की और आगे बढ़ पता है सोचिये अगर ट्रक और बस जैसे भरी वाहनों का आविष्कार नहीं होता तो क्या होता ,क्या इंसान इतना विकास कर पता नहीं आज भी 100 पीछे ही रहता ।
आज सड़कों पर दौड़ते ट्रक और बस इसको देखकर आपने भी कभी ना कभी जरूर सोचा होगा कि आखिर ट्रक का आविष्कार किसने किया अगर दोस्तों आप भी जानना चाहते हैं कि ट्रक का अविष्कार किसने किया और कब किया तो आज के इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें आपको आज हम लेकर जाने वाले हैं जब सड़कों पर कोई ट्रक नहीं हुआ करते थे जब पहली बार ट्रक बनाया गया और पहली बार ट्रक का आविष्कार हुआ तो चलिए जानते हैं?
ट्रक का आविष्कार किसने किया ,truck ka avishkar kisne kiya
दोस्तों जैसा कि हर चीज की शुरुआत काफी मुश्किल से और कठिनाइयों से होती है । दोस्तों दुनिया का सबसे पहला ट्रक 1886 में जर्मन में बनाया गया इस ट्रक को बनाने वाले का नाम था gottlied Daimler ,इन्होने engine का प्रयोग करके अन्य कई अविष्कार किए यह एक महान inverter थे। इंजन के अविष्कार होने के बाद उन्होंने बाइक और टैक्सी और अन्य इंजन से चलने वाले कई आविष्कार किये।
यह पहला इंजन था इसमें 4 horsepower और 2 cylinder wala इंजन लगाया गया और यह इंजन gasoline से चलता था। इसमें इंजन पीछे लगाया गया था उस समय पक्की सड़कें नहीं हुआ करती थी तो कच्ची सड़कों के लिए इस ट्रक में फ्रंट में fully elliptic leaf spring और पीछे coil sping का उपयोग किया गया था। पावर ट्रांसमिशन के लिए इसमें belt ट्रांसमिशन का उपयोग किया गया। इसमें दो फोरवोर्ड और एक रेवेर्स स्पीड गियर बॉक्स उपयोग किया गया था। दोस्तों ऊपर दिखाई गयी इमेज में आप देख सकते हो यह था दुनिया का पहला ट्रक ,अब सोचिये तब से लेकर आज तक कितना बदलाव हो चूका है।
यह ट्रक की पहली जनरेशन थी उसके ब्नद शुरू हुए ट्रक की दूसरी जनरेशन 1890 के लास्ट दसक में ट्रक्स में काफी सरे इम्प्रूवमेंट हो चुके थे इनका पेलोड तीन से चार टन तक हो चूका था अब इन ट्रक्स में चार सिलिंडर वाले इंजन का उपयोग भी होने लग गया था मतलब जयदा पावर इस समय तक 12 hp के इंजन आ चुके थे।
ट्रक का आविष्कार कैसे हुआ? इतिहास की कहानी
चलिए अब आपको बताते हैं कि ट्रक का आविष्कार हुआ कैसे? सन् 1895 में सबसे पहले आंतरिक दहन इंजन वाले ट्रक का डिजाइन कार्ल बेंच द्वारा बनाया गया था। वही उसके 1 साल बाद सन् 1886 में जर्मन में ट्रक का आविष्कार डेमलर द्वारा किया गया था। यह एक सबसे पहले ट्रक था जो की सड़कों पर भारी से भारी समान ले जा सकता था।
पहले ट्रक के आविष्कार के कुछ सालों बाद ही सभी संयुक्त राष्ट्र संगठन ने सन् 1899 में कम से कम 5 से 8 हॉर्स पावर वाले इंजन ट्रक का आविष्कार किया। फिर समय के साथ धीरे-धीरे ट्रक में काफी बदलाव होते रहे। साथ ही ट्रक के काम के हिसाब से कहीं सारे और भी प्रकार के वाहन बनाए गए। इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग के काम के हिसाब से फिर ट्रक बनने लगे।
सबसे पहला ट्रक कौन सी कंपनी ने बनाया था?
आपको बता दें कि सबसे पहले कंपनी जिसने ट्रक का निर्माण किया था वह है जनरल मोटर्स। आज के समय में भी यह कंपनी है और ट्रक की मैन्युफैक्चरिंग कर रही है। वैसे तो आज के समय में काफी ट्रक मोटर कंपनी आ चुकी है। यह कंपनी अपने ट्रक में अलग-अलग खासियत से दुनिया भर में जाना जाता है।
जैसा कि हमने बताया कि भारत की सबसे पहले ट्रक कंपनी का नाम टाटा मोटर कंपनी है। और यह कंपनी भारत में तो मशहूर है ही। साथ ही यह देश-विदेश में भी काफी प्रसिद्ध हो गया है। जैसा की सबसे पहले डेमलर ने ही ट्रक का आविष्कार किया था। उसके बाद लोग उससे प्रेरित होकर अलग-अलग ट्रक बनाने लगे दुनिया भर में और आज इन ट्रैकों की मदद से देश भर में बड़ी-बड़ी चीजों को इधर से घर तक पहुंचा जा रहा है। साथ ही बड़े-बड़े कामों में भी इस ट्रैकों में काफी आसानी करी है।
दुनिया की सबसे बड़ा ट्रक
आपको बता दे की दुनिया का सबसे बड़ा ट्रक का नाम Belaz 75710 है जो कि बेलारूस में है। आपको इस ट्रक के बारे में एक छोटा सा इतिहास बताते हैं। पहले बेलारूस सोवियत संघ के समय पर रूस के अंदर था। पहले के समय में बेलारूस में एक शहर ज्होडिनो में BelAZ नाम की एक कंपनी थी।
बेलाज कंपनी दुनिया के सबसे मजबूत ट्रक बनाने का काम करते थे। फिर धीरे-धीरे सोवियत संघ टूटने लगा और फिर बेलाज ने वेस्ट कंपनी से भी अच्छी ट्रक बनाने चालू कर दी। आपको बता देगी जैसे कैटरपिलर पश्चिमी निर्माता ने अपने अलग-अलग ब्रांड की ट्रक बनाने में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपना नाम किया है। वैसे ही बेलाज़ ने भी केटरपिलर का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ कर उसे अपने नाम किया।
दोस्तों यह थी दुनिया के पहले बने ट्रक की कहानी तो जो आपको इस आर्टिकल से काफी जानकारी मिली होगी हमें उम्मीद है आप कोई आर्टिकल हेल्पफुल लगा होगा आपने कमेंट नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
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“मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं”
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