जहां इंडिया में 2020 अप्रैल से भारत सरकार ने सभी गाड़ियों में bs6 इंजन norms को अनिवार्य कर दिया है। वही आपको जानकर हैरानी होगी कि इंडियन आर्मी के व्हीकल में अभी भी bs3 इंजन को ही उपयोग किया जाता है और आज भी इंडियन आर्मी जितने भी गाड़ियां बनाई जाती है। उन सभी में bs3 इंजन का ही उपयोग किया जाता है। सरकार ने जो भी bs6 के लिए कानून बनाये थे वह आर्मी और पैरामिलिट्री फाॅर्स के वाहनों के लिए अनिवार्य नहीं किये।
तो आखिर ऐसा क्यों , क्या आर्मी में जो व्हीकल यूज़ होते उनसे पोलुशन नहीं होता है या फिर कोई और कारण है जिसकी वजह से आर्मी आज भी बीएस 3 इंजन को उपयोग कर रही है।
why army using old engine in army vehicle
जो bs6 इंजिन्स है उनमे पोलुशन को कम करने के लिए काफी एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। बीएस6 इंजन में कई सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट का उपयोग किया जाता है इन सभी को इंजन में ECU की मदद से कण्ट्रोल किया जाता है। लेकिन जो बीएस 3 इंजन होते है उनमे कुछ गिने चुने सेंसर और इलेक्ट्रिक पार्ट का उपयोग किया जाता है। 90 % इंजन मैकेनिकल कण्ट्रोल किया जाता है। तो दोस्तों main कारण की आर्मी व्हीकल में बीएस 3 इंजन का उपयोग किया जाता है।
ऑफरोड ड्राइविंग और रूरल एरिया
क्यूंकि जो आर्मी के व्हीकल होते है वे ज़्यदातर रफ़ टफ और दुर्गम सड़को चलते हैं। कई बार आर्मी को काफी rural एरिया में ओप्रशन के लिए जाना पड़ता है। तो बीएस 6 इंजन में दिक्कत ये आ सकती की अगर गाड़ी काफी ख़राब हो जाती है तो उसको ठीक करने के लिए कई एडवांस टूल और एक्सपर्ट की जरुरत पड़ती है। जैसा की हमने आपको पहले बताया की bs 6 जो इंजन है वह फुल्ली इलेक्ट्रॉनिक कण्ट्रोलेड है। इसकी वजह से अगर कोई छोटा सा फाल्ट भी इलेक्ट्रिक सिस्टम में आता है तो उसको सोल्व करना काफी मुश्किल होता है। अगर किसी भी सेंसर में कोई फाल्ट आता है तो उसको ढूंढना और उसको सही करना काफी मुश्किल होता है।
इसके अलावा bs6 इंजन में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में पोलुशन कण्ट्रोल करने के लिए पैरामीटर सेट किये जाते है। अगर इंजन उन पैरामीटर का अकॉर्डिंग काम नहीं करेगा तो आपकी गाड़ी कहीं पर भी खड़ी हो सकती है। वंही जो bs3 इंजन होते हैं उनमें सब कुछ मेकैनिकली कंट्रोल होता है इसकी वजह से अगर कभी गाड़ी के इंजन में कोई प्रॉब्लम आती है तो आर्मी के मैकेनिक उसे आसानी से ठीक कर सकते हैं।
वैसे दोस्तों जो इंडियन आर्मी केव्हीकल होते हैं उनको मैन्युफैक्चर करने से पहले काफी ज्यादा टेस्टिंग की जाती है। और गाड़ी के सभी पार्ट को बारीकी से चेक किया जाता है।
तो दोस्तों यही था में रीजन की इंडियन आर्मी में आज भी bs3 इंजन उसे किया जाता है आपको आई होप आपको यह जानकारी इनफॉर्मेटिव लगी होगी अपना कॉमेंट नीचे अपना ओपिनियन नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर टाइप करेंऔर हमसे जुड़े रहे हैंऔर वीडियो अच्छी लगी तो लाइक करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल ना भूले।
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“मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं”
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