marketing क्या है Importance of Marketing हिंदी में जानिए

दोस्तों कोई भी बिज़नेस बिना मार्केटिंग के सफल नहीं होता है यह बिज़नेस का एक पार्ट है जिसके बिना बिज़नेस अधूरा है तो इस आर्टिकल में मार्केटिंग के बारे में जानिंगे की मार्केटिंग क्या है (what is marketing in hindi ) ,क्यों मार्केटिंग जरुरी है (importance of marketing in hindi ),function of marketing in Hindi.तो guys अगर आप आप भी जानना चाहते हो मार्केटिंग के बारे में इस आर्टिकल में आपको मार्केटिंग के सम्बंदित सभी जानकारी मिल जाएगी तो जानने के लिए आर्टिकल को पूरा और ध्यान से जरूर पड़े।

what is marketing in hindi
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मार्केटिंग क्या है ,what is marketing in hindi :-

  • मार्केटिंग एक प्रकिर्या है अपने प्रोडक्ट और सर्विस को इच्छुक ग्राहकों तक पहुँचने की ,जिसमे प्रोडक्ट और सर्विस का प्रमोशन ,मार्किट रिसर्च ,बेचना और बाँटना शामिल होता है।
  • मार्केटिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कंपनियां सेवाओं और उत्पादों में ग्राहकों की रुचि पैदा करती हैं।
  • मार्केटिंग एक एकीकृत प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कंपनियां ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध बनाती हैं और अपने ग्राहकों और खुद के लिए value create करती है ।
  • मार्केटिंग मतलब प्रमोशन,प्रचार,प्रसार,जागरूकता ,लोगो को किसी प्रोडक्ट और सर्विस के बारे जानकारी देना। अपने कस्टमर की रूचि को जानना ,उनकी डिमांड को पूरी करना।

मार्केटिंग की परिभाषा (Definition of marketing in hindi):-

  • मार्केटिंग – ग्राहकों की जरूरतों की पहचान करना और उन्हें पूरा करना है (Marketing- is to identify and fulfill the needs of the customers).
  • फिलिप कोटलर के अनुसार -मार्केटिंग अपने प्रोडक्ट और सर्विस के प्रॉफिट के लिए लक्षित बाजार में मूल्य बनाने, संचार करने, मूल्य प्रदान करने के बारे में है “Marketing is all about creating, communicating, delivering value to the target market for profit”.

दोस्तों जब मार्केटिंग की बात आती है तो आम लोगो को लगता है की मार्केटिंग सिर्फ लोगो बेबकूफ बनाना होता है क्यूंकि इस बात पर कहावत भी काफी प्रसिद्ध है की मार्केटिंग में ” किसी गंजे को भी कंगी बेच देना ” मतलब यह है की जो गंजा वयक्ति है जिसको कंगी की जरुरत नहीं है उसको भी कंगी बेच देना यह कहावत पहले के समय में जयदा प्रसिद्ध थी उस समय मार्केटिंग का यही कॉन्सेप्ट माना जाता था  लेकिन आज के समय में मार्केटिंग का मतलब बदल चूका मार्केटिंग आज के समय में जिस को जरुरत है उस तक प्रोडक्ट और सर्विस को पहुँचाना।

मार्केटिंग क्यों जरुरी है (importance of marketing in hindi) :-

दोस्तों अभी तक हम ये जान चुके हैं की मार्केटिंग क्या होती है,what is marketing in hindi में तो अब यह जानना भी जरुरी है की marketing ki importance क्या है आखिर क्यों हमें मार्केटिंग के बारे में ज्ञान होना चाहिए अगर हम अपना कोई बिज़नेस शुरू करने जा रहे तो चलिए जानते हैं importance of marketing in hindi  .

मार्केटिंग क्यों जरुरी है किसी भी बिज़नेस के लिए, दोस्तों किसी भी बिज़नेस और कम्पनी का मुख्य उदेश्य प्रॉफिट कमाना होता है और प्रॉफिट तभी होता है जब आपके product or service की ज़्यदा बिक्री होगी , आपके product or service की बिक्री तभी होगी जब लोगो को आपके  product or service and company के बारे में पता होगा, अब लोगो तक आपके product or service के बारे जानकारी कहाँ से पहुंचेगी ,अब यहाँ पर काम आता है “marketing concept ” मार्केटिंग के माध्यम से ही हम अपने product or service को लोगो तक पंहुचा सकते हैं।

Main importance of marketing in hindi :-

मार्केटिंग कस्टमर को जोड़ने का एक प्रभावशाली तरीका (Marketing help to Engaging Customers):-किसी भी बिज़नेस के लिए कस्टमर जरुरी होता है अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए मार्केटिंग एक मुख्य टूल है। मार्केटिंग के जरिये हम अपने प्रोडक्ट और सर्विस को ग्राहकों तक पंहुचा सकते हैं तथा उनकी जरूरतों को भी पहचान सकते हैं।

मार्केटिंग ब्रांड/कम्पनी वैल्यू को बढ़ाता है ( marketing increase value of  your business or brand /company ):- किसी भी brand/company की वैल्यू तब बढ़ती है वह जब वह अपने ग्राहकों के अपेक्षाओं को प्रभावी ढंग से पूरा करता है ,ग्राहक ऐसी ब्रांड और कंपनी के साथ जुड़कर ,उनके प्रोडक्ट को इस्तेमाल करके गौरवान्वित महसूस करते हैं।

मार्केटिंग ग्राहक और कंपनी/ब्रांड्स के बीच रिलेशनशिप बनाने में मदद करता है  (Marketing Helps to Build a Relationship Between a Business and Its Customers):-किसी भी brand or company को अपने ग्राहकों के साथ विश्वास और समझ का संबंध बनाने की आवश्यकता होती है ,मार्केटिंग इस रिलेशनशिप को बनाने में मदद करता है।

सेगमेंटेशन व्यवसाय को अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है जिससे उनका विश्वास प्राप्त होता है। प्रोडक्ट टीम सुनिश्चित करती है कि प्रोडक्ट ग्राहकों तक उनके तय समय तक पहुंचना चाहिए। यह ग्राहकों को ब्रांड के प्रति वफादार बनाता है।

अगर आप ग्राहक को संतुष्ट कर देते हो वह ग्राहक आपसे अधिक उत्पाद खरीदने का विश्वास होगा। व्यवसाय और उसके ग्राहकों के बीच विश्वास और समझ आपकी व्यावसायिक गतिविधियों को और अधिक उपयोगी बनाती है

मार्केटिंग से बिक्री बढ़ाने में मदद मिलती है(Marketing Helps to Boosts Sales):- मार्केटिंग आपके उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करती है जिसमे मुख्य तरीका है विज्ञापन , जब किसी उत्पाद का विज्ञापन किया जाता है तो इससे प्रोडक्ट बिकने की संभावना बढ़ जाती है।

कभी -कभी  ग्राहक आपके प्रोडक्ट और सर्विस को आजमाने के लिए ले खरीद सकते है यह निर्णय आपके प्रोडक्ट की बिक्री को सुनिश्चित करेगा। जब ग्राहक आपके उत्पादों या सेवाओं से खुश होते हैं, तो वह आपके उत्पादों या सेवाओं के बारे में और लोगो को भी बताते है जिससे आपकी बिक्री बढ़ने लगेगी।

दोस्तों अब हम importance of marketing के बारे में जान चुके हैं की मार्केटिंग का क्या रोल होता है किसी भी बिज़नेस में ,तो चलिए अब जानते है की मार्केटिंग का क्या काम होता ,function of marketing in hindi –

मार्केटिंग का कार्य (Functions of marketing in Hindi):-

बाजार की जानकारी एकत्र करना और उसका विश्लेषण करना (Analysing Market Information):-

बाजार की जानकारी एकत्र करना और उसका विश्लेषण करना मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। जैसे -ग्राहक क्या चाहता है ,किस मात्रा में,किस कीमत पर,किस तरह का विज्ञापन पसंद है? अदि।

उपभोक्ता के बारे में सभी जानकारी एकत्र और विश्लेषण की जाती है। इस विश्लेषण के आधार पर यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि बाजार में किस प्रोडक्ट के लिए सर्वोत्तम अवसर हैं ,किस प्रोडक्ट की मार्किट में ज़्यदा डिमांड है।

प्रोडक्ट का निर्माण और विकास (Product Designing and Development):-

उत्पाद की बिक्री में उत्पाद डिजाइनिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिस कंपनी का उत्पाद बेहतर और आकर्षक रूप से डिजाइन किया जाता है, वह उस कंपनी के उत्पाद से अधिक बेचती है जिसका डिजाइन कमजोर और अनाकर्षक होता है।किसी उत्पाद के संबंध में एक डिज़ाइन तैयार करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसे लगातार विकसित करना अधिक महत्वपूर्ण है।

मार्केटिंग की योजना बनाना (Marketing Planning):-

किसी भी प्रोडक्ट का मूल्य उसके डिमांड के अनुसार घटता और बढ़ता रहता है इसके मार्केटिंग प्लानिंग की जाती है।  मार्किट के सभी डाटा को एनालिसिस करके फ्यूचर के लिए प्लानिंग की जाती है मार्केटिंग डाटा के अनुसार ही सारी प्लानिंग की जाती है।

मानकीकरण करना (Standardization):-

मानकीकरण से तात्पर्य है किसी उत्पाद के आकार, गुणवत्ता, डिजाइन, वजन, रंग, उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल आदि के संबंध में मानक निर्धारण करना, ऐसा करने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि दिए गए उत्पाद में कुछ ख़ासियतें होंगी।

इस तरह सैंपल के आधार पर बिक्री संभव हो पाती है। अधिकतर, यह प्रथा है कि व्यापारी नमूनों को देखते हैं इसी आधार पर प्रोडक्ट की बड़ी मात्रा के लिए खरीद का आदेश देते हैं। इसका आधार यह है कि आपूर्ति किए गए सामान उसी मानक के अनुरूप हैं जैसा कि नमूने में दिखाया गया है।

पैकेजिंग और लेबलिंग (Packaging and Labelling):-

पैकेजिंग का उद्देश्य भंडारण और ट्रांसपोर्टिग के दौरान माल के टूटने, क्षति, विनाश आदि से बचना है। कई बार ग्राहक अलग-अलग मात्रा में सामान की मांग करते हैं। इसके लिए विशेष पैकेजिंग की आवश्यकता होती है। पैकिंग सामग्री में बोतलें, कनस्तर, प्लास्टिक बैग, टिन या लकड़ी के बक्से, जूट बैग आदि शामिल हैं।

लेबल एक पर्ची होती है जो उत्पाद पर पैकिंग के बाद लगायी जाती है जिसमे  उत्पाद और उसके निर्माता के बारे में सभी जानकारी दी जाती है ।

ब्रांडिंग ( Branding ):-

प्रत्येक उत्पादक/विक्रेता चाहता है कि उसके उत्पाद की बाजार में विशेष पहचान हो। अपनी इच्छा को साकार करने के लिए उसे अपने उत्पाद को एक ऐसा नाम देना होगा जो अन्य प्रोडक्ट से अलग होना चाहिए।

किसी उत्पाद को अलग नाम देना ब्रांडिंग कहलाता है। इस प्रकार, ब्रांडिंग का उद्देश्य यह दिखाना है कि कंपनी के उत्पाद उसके competitor से अलग हैं, ताकि मार्किट में उसकी अपनी अलग पहचान हो।

example – apple company जिसका प्रोडक्ट iphone जो company को एक ब्रांड बनाता है।

ग्राहक सहायता सेवा (Customer Support Service):-

ग्राहक बाजार का राजा होता है। इसलिए, ग्राहकों को हर संभव मदद की पेशकश करना मार्केटर के मुख्य कार्यों में से एक है। कम्पनी मुख्य सेवाएं प्रदान करता है जैसे – बिक्री के बाद-सेवाएं ,ग्राहकों की शिकायतों को संभालना तकनीकी सेवाए, ऋण सुविधाएं, रखरखाव सेवाएं अदि।

उत्पादों का मूल्य निर्धारण (Pricing of Products):-

किसी उत्पाद की कीमत तय करना एक मार्केटिंग मैनेजर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। किसी उत्पाद की कीमत उसकी लागत, लाभ की दर, प्रतिस्पर्धी उत्पाद की कीमत, सरकार की नीति आदि से प्रभावित होती है। किसी उत्पाद की कीमत इस तरह से तय की जानी चाहिए कि वह बहुत अधिक न दिखाई दे।

प्रोडक्ट प्रचार -प्रसार  (promotion of product/service ):-

प्रचार का अर्थ है उपभोक्ताओं को कंपनी के उत्पादों के बारे में सूचित करना और उन्हें इन उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना। प्रचार के चार तरीके हैं: (i) विज्ञापन, (ii) व्यक्तिगत बिक्री, (iii) बिक्री संवर्धन और (iv) प्रचार। इस संबंध में मार्केटिंग द्वारा लिया गया प्रत्येक निर्णय बिक्री को प्रभावित करता है। ये निर्णय कंपनी के बजट को ध्यान में रखते हुए लिए जाते हैं।

भौतिक वितरण(Physical Distribution):-

function of marketing में वस्तुओं को उत्पादन के स्थान से ग्राहक के स्थान तक ले जाने के निर्णय को ध्यान में रखा जाता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए चार कारकों के बारे में निर्णय लिया जाता है। वे हैं: (i) परिवहन, (ii) इन्वेंटरी, (iii) वेयरहाउसिंग और (iv) ऑर्डर प्रोसेसिंग। भौतिक वितरण, चीजों को सही जगह और सही समय पर लेने से समय और स्थान की उपयोगिता पैदा होती है।

मार्केटिंग के प्रकार (types of marketing)

दोस्तों वैसे तो मार्केटिंग के कई प्रकार है लेकिन अगर हम ओवरआल बात करें तो आज के समय में मार्केटिंग के मुख्य दो प्रकार है – 1) ट्रेडिशनल मार्केटिंग(परम्परागत) 2) डिजिटल मार्केटिंग

ट्रेडिशनल मार्केटिंग(परम्परागत)

ट्रेडिशनल मार्केटिंग मतलब परम्परागत साधनो का उपयोग करके मार्केटिंग करना इसमें मुख्य न्यूज़ पेपर ,पोस्टर ,मागज़ीने ,टीवी ,बिलबोर्ड ,टेम्पलेट,नेटवर्क मार्केटिंग अदि आते है ये तरीके पहले से ही उपयोग हो रहे हैं मार्केटिंग में इसलिए ऐसे ट्रेडिशनल मार्केटिंग कहते हैं। दोस्तों समय के साथ साथ मार्केटिंग के तोर तरीके भी बदल गए है पहले टट्रेडिशनल मार्केटिंग का उपयोग ज़्यदा किया जाता था अब जमाना डिजिटल मार्केटिंग का आ गया है। तो चलिए जानते है डिजिटल मारेक्टिंग के बारे में –

डिजिटल मार्कटिंग

डिजिटल मार्केटिंग का मतलब डिजिटल तरीको से मार्कटिंग करना ,डिजिटल मार्केटिंग का मुख्य पिलर है इंटरनेट मार्केटिंग ऑनलाइन इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से मार्कटिंग करना डिजिटल मार्केटिंग कहलाता है। डिजिटल मार्केटिंग में ऑनलाइन मार्केटिंग ,सोशल मीडिया(यूट्यूब मार्केटिंग ,इंस्टाग्राम मार्केटिंग ,फेसबुक मार्केटिंग) मार्केटिंग ,टीवी मार्केटिंग ,कंटेंट मार्केटिंग ,वीडियो मार्केटिंग ,सर्च इंजन मार्केटिंग,एफिलिएट मार्केटिंग अदि।

मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग में क्या अंतर होता है

दोस्तों मार्केटिंग का पर्पस होता कस्टमर के इंटेरेस्ट को जानना ,प्रोडक्ट डेवलपमेंट करना ,मार्किट रिसर्च करना ,प्रोडक्ट और सर्विस को कस्टमर तक पहुंचना ,कस्टमर की जरूरतों को जानना ,कस्टमर सपोर्ट और उसको एंगेज करके रखना।

वंही एडवरटाइजिंग का पर्पस प्रोडक्ट और सर्विस के बारे मे जानकारी लोगो तक पहुँचाना ,लोगो को जागरूक करना ,ब्रांड अवेर्नेस करना।

मार्केटिंग और सेल्स में अंतर(marketing and selling difference)

सरल शब्दों में कहे तो , सेल्स मतलब प्रोडक्ट और सर्विस को बेचना ,प्रोडक्ट और सर्विस को पैसे में बदलना या कह सकते हैं की प्रोडक्ट और सर्विस को एन्ड कस्टमर तक पहुंचना सेल्स कहलाता है वंही बात करे मार्केटिंग की तो मार्केटिंग मतलब ग्राहक की जरूरतों को पूरा करना और संतुष्ट करने का तरीका है। कस्टमर की जरूरतों को जानना और उसकी जरुरत के मुताबिक प्रोडक्ट और सर्विस देना मार्केटिंग कहलाती है।

मार्केटिंग के 4 P (product, price, place, promotion).

4 P कस्टमर के लिए किसी प्रोडक्ट और सर्विस के मार्केटिंग में शामिल 4 आवश्यक कारक हैं। 4 P मतलब product(उत्पाद), Price(मूल्य), Place(स्थान) और promotion(प्रचार) हैं।

दोस्तों एक आर्टिकल में हमने मार्केटिंग से रिलेटेड 3 टॉपिक कवर किये (1) what is marketing in hindi ,(2) Importance of Marketing in Hindi ,(3) function of marketing in hindi और भी मार्केटिंग से रिलेटेड जानकारी ,i hope की आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा ,इस आर्टिकल में marketing से रिलेटेड शेयर की जानकारी आपके लिए usefull रही होगी। अपनी प्रतिकिया कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।

FAQ –

मार्केटिंग का महत्व क्या है?

मार्केटिंग कई लोगों को एक निश्चित उत्पाद के बारे में जागरूक करता है। जब लोगों को आपके उत्पाद के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होगी, तो आपकी बिक्री में वृद्धि होगी। बिना मार्केटिंग के किसी भी प्रोडक्ट को मार्किट में चलना काफी मुश्किल रहता है। मार्केटिंग के मदद से ही कंपनी अपने प्रोडक्ट को मार्किट में बेच पाती है और मार्केटिंग से लोग प्रोडक्ट को खरीदते है क्योंकि उन्हें उसके बारे में जानकरी होती है।

मार्केटिंग कितने प्रकार के होते हैं?

मार्केटिंग मुख्य तय दो प्रकार की होती है एक परम्परागत मार्केटिंग जिसे ट्रेडिशनल मार्केटिंग भी कहते है और दूसरा डिजिटल मार्केटिंग जो आज के दौर में काफी तेजी से ग्रो कर रही है। इसके अलावा नेटवर्क मार्केटिंग भी एक मार्केटिंग करने का तरीका है।

उपभोक्ताओं के लिए मार्केटिंग क्यों महत्वपूर्ण है?

मार्केटिंग लोगो में प्रोडक्ट और सर्विस के बारे जागरूकता फैलाती है जिससे लोग किसी प्रोडक्ट को खरीदने के बारे में सोचते है इसलिए मार्केटिंग कस्टमर के लिए जरुरी होती है।

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