Health insurance क्या होता है? कितने साल का होता है, इसके फायदे और नुकसान

जैसा की आप लोग जानते है कि बीमारी और अनहोनी कभी बता के नहीं आती हैं। वो कभी भी किसी भी वक्त आ सकती हैं ऊपर से आजकल के समय में बढ़ते प्रदूषण और स्ट्रेस भरी जिंदगी इसलिए हमे हमेशा अपनी हेल्थ के लिए कुछ सोच के रखना चाहिए क्योंकि जितनी बीमारी बढ़ रही है। उसी के हिसाब से उसका इलाज कराना भी उतना ही महंगा होता जा रहा है। तो आपकी यह भी परेशानी का एक हल है जिसका नाम है Health insurance जिससे कि आपके बीमार होने पर आपके इलाज का खर्चा हॉस्पिटल को करती है। यदि आप health insurance के बारे में नहीं जानते है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। इस पोस्ट में हम आपको health insurance क्या होता है? कितने साल का होता है? इसके फायदे और नुकसान के बारे में बताने का प्रयास किया है। अगर आपको health insurance के बारे में सारी डिटेल्स विस्तार से जाननी है तो आपको इस आर्टिकल को पूरा अंत तक पढ़ना चाहिए।

हेल्थ इंश्योरेंस क्या है? हेल्थ  इंश्योरेंस कितने साल का होता है, हेल्थ इन्शुरन्स कितने प्रकार के होते हैं,हेल्थ  इंश्योरेंस के फायदे और नुकसान।
इस पोस्ट के टॉपिक देखे show

Health Insurance क्या है?

हेल्थ इंश्योरेंस एक तरह कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है जिसमें कि आपके बीमार होने या अनहोनी होने पर उसके इलाज का सारा भुकतान हॉस्पिटल को जमा कराते हैं। इसमें निम्न चीज़े के लिए भुकतान किया जाता है जैसे कि अस्पताल में भर्ती होने, इलाज करवाने, दवाइयों, सर्जरी , ऑर्गन ट्रांसप्लांट,नर्सिंग और देखभाल का खर्च आदि। हेल्थ इंश्योरेंस आप अपने पति या पत्नी, अपने माता या पिता, अपने बच्चों सहित परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी ले सकते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस के तहत इलाज का भुगतान कैसे तय होता है?

यदि आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो आप के इलाज के बाद उसके भुगतान की मात्रा किसी बीमा कंपनी की ओर से हॉस्पिटल व डॉक्टरों से बातचीत करते ही उनको चुकाई जाती है। इसके भुगतान दो तरीके से मिल सकते हैं,

● पहला ये कि या तो आप खुद इलाज का खर्चा चुका देते हैं और उसके बाद बीमा कंपनी बिल देने पर उसका रीइम्बर्समेंट दे देती है।

● या फिर आपके हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा हॉस्पिटल को डायरेक्ट इलाज के बिल का भुगतान किया जाता है।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कितने प्रकार के होते?

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी काफी प्रकार की होती है जो कि हमें सुविधा अलग अलग हिसाब से पहुंचाती है। हम यहाँ भारत के कुछ मुख्य प्रकारों का परिचय दे रहे हैं,

● बिमारी के इलाज का भुगतान देने वाला प्लान

इसको हम हॉस्पिटलाइजेशन प्लानस भी कहते हैं जिसमें बीमार व्यक्ति के इलाज में खर्च होने वाली राशि में से, एक पहले से तय की हुई राशि ही बीमा कंपनी की ओर से चुकाई जाती है। अपनी इसी खासियत के कारण ऐसे प्लान को हम हरजाना या मुआवजा प्लान भी कहते हैं। यह प्लान किसी भी तरह की बीमारीयां सवस्थ समस्या के इलाज में लाभ देती है।

कुछ बड़ी व जानलेवा समस्या जो कि स्वास्थ्य से। जुड़ी होती है। उसमें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ सिर्फ एक बार ही मिलता है। परंतु ज्यादातर बिमारी का कई बार इलाज कराया जा सकता है।

● कोई गंभीर बिमारी के इलाज संबंधित प्लान

गंभीर या बड़ी बिमारी जिनका इलाज बहुत खर्चीला होता है जैसे हार्ट अटैक, कैंसर, लकवा आदि बीमारियों की पहचान होने पर उनके इलाज संबंधित खर्चे पर हेल्थ इंश्योरेंस लंप सम रकम देती। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी वाले पहले ही किन बीमारियों को अपने पॉलिसी में शामिल करना है, उसको शुरुआत में ही तय कर लेते हैं। बिमारी कितनी गंभीर है और उसके दोहराने के अनुसार आपकी पॉलिसी बनाई जाती है और उसका बीमा किश्त तय किया जाता है। इस तरह यह एक लाभदायक इंश्योरेंस प्लान होता है।

● स्वयं या परिवार सबका एक साथ ही इंश्योरेंस पॉलिसी

यदि आप चाहते हैं, तो आप पूरे परिवार के लिए इकट्ठा फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं। इससे आपको किसी भी परिवार के सदस्य इलाज में मदद मिलेंगी। इसमें आपकी बीमा किश्त काफी सस्ती पड़ती है। आप यदि चाहें तो किसी परिवार के एक सदस्य या अलग अलग सदस्यों के लिए भी personal हेल्थ पॉलिसी ले सकते हैं।

● डेली कैश बेनिफिट प्रोग्राम

इसको हम डिफाइन बेनिफिट पॉलिसी भी कहते हैं। इस प्लान के अनुसार आपको इलाज के टाइम। रोज़ के हिसाब से एक तय की गई रकम की मदद मिलती है। भले ही आप के इलाज के समय कितना भी कम या ज्यादा खर्च हो रहा हो।

हेल्थ इंश्योरेंस के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत

आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेने के समय कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। तो आइये जानते हैं कि बीमा लेने से पहले आपको किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी

● आयु प्रमाणपत्र

● पहचान पत्र

● एड्रेस प्रूफ (निवास प्रमाण)

● पासपोर्ट साइज फोटो

● आधार कार्ड

आपको हेल्थ इंश्योरेंस क्यों लेना जरूरी है?

आजकल कि बढ़ती तनावपूर्ण जिंदगी बीमारी को बढ़ावा देती जा रही है। उसके बाद COVID 19 के महामारी के बाद सबकी आर्थिक स्थिति में काफी गिरावट आई है और बीमारी के इलाज का खर्चा भी काफी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आपको अपने और अपने परिवार के लिए एक स्वास्थ्य बीमा लेना आवश्यक पड़ जाता है जो कि आपको ऐसे समय में सुरक्षा प्रदान करेगा।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या क्या बेनिफिट शामिल है?

एम्बुलेंस कवर

यदि आपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रखी है तो उसमें एम्बुलेंस का भी खर्चा शामिल होता है। जो कि किसी पॉलिसी धारक को सड़क एंबुलेंस का फायदा प्रदान करती है।

कोविद 19 कवर—जब कोविद 19 की महामारी पूरे देश भर में आई थी, जिस समय लोगों की आर्थिक स्थिति भी नीचे गिरती जा रही थी।उस समय लोगों को यह बीमारियों की चिंता रात भर सोने नहीं देती होगी। परंतु आपको बता दें कि हेल्थ पॉलिसी कोविड जैसी बीमारियों से होने वाले खर्च को भी कवर करती है।

● इन पेशेंट हॉस्पिटलाइजेशन कवर

यदि आप या आपके घर के सदस्य किसी हादसे या बिमारी के कारण 24 घंटे से ज्यादा हॉस्पिटल में रहते हैं। तो आपके हॉस्पीटलाइज़ेशन के खर्चे को हेल्थ पॉलिसी कवर करती है।

प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन। इस पॉलिसी में डॉक्टरों द्वारा किए गए डायग्नोसिस या अस्पताल में भर्ती होने के 30 दिन पहले और अस्पताल में भर्ती होने के 60 दिन बाद तक के खर्च हेल्थ पॉलिसी कवर करती है।

● आईसीयू शुल्क

यदि आप किसी बिमारी के कारण आईसीयू में भर्ती है। तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके आईसीयू शुल्क को बिना किसी सीमा के योजना के आधार पर कवर करती है।

● ऑर्गन डोनर कवर

यदि आप अंग दान करने के लिए किसी हॉस्पिटल में जाते हैं तो उसका खर्च हेल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी कवर करती है।

लाइफ लॉन्ग रिन्यूबिलिटी

आपको सिर्फ एक बार बीमा कराना पड़ता है तब आप राहत की सांस ले सकते हैं और ब्रेक फ्री रेन एबिलिटी पर आजीवन के लिए पॉलिसी जारी रख सकते हैं।

● एनुअल हेल्थ चेकअप

आप अपना साल में एक बार स्वास्थ्य जांच करवा सकते हैं। क्योंकि हेल्थ पॉलिसी ये भी कवर करता है।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्या क्या कवर नहीं करती है?

● काफी ऐसे इलाज या उपचार की प्रक्रिया है जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी शामिल नहीं करती। तो आइये जानते है की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या क्या शामिल नहीं है

● यदि आपको जन्मजात बिमारी के उपचार से संबंधित इलाज। चाहिए तो पॉलिसी उसको कवर नहीं करता है।

● पॉलिसी शुरू होने से 30 दिनों के भीतर होने वाली बीमारियों के लिए कोई इलाज या सर्जरी को भी पॉलिसी कवर नहीं करता है।

● आईवीएफ कोई भी पॉलिसी कवर नहीं करती है।

● यदि कोई महिला गर्भावस्था या मिसकैरेज या अबॉर्शन और उसके परिणामों के कारण होने वाले इलाज का खर्च पॉलिसी कवर नहीं करती है।

● नशीली दवाओं का गलत उपयोग व शराब से होने वाले इलाज का खर्च पॉलिसी कवर नहीं करती है।

● किसी लड़ाई दंगा हड़ताल या परमाणु हथियार के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज का खर्च पॉलिसी नहीं कवर करती है।

● आत्महत्या या खुद से लगी हुई चोटों के इलाज को भी पॉलिसी कवर नहीं करती है।

● यदि आपने पॉलिसी ले रखी है परंतु उसके 48 महीने से पहले से होने वाली बिमारी को भी पॉलिसी कवर नहीं करती है।

कैसे आप चुन सकते हैं बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान?

आए दिन बिमारी और उनसे होने वाले इलाज के खर्च की समस्या बढ़ती जा रही है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस लेना अतिआवश्यक पड़ता जा रहा है। यह आपको किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के समय तनाव व आर्थिक परेशानियों से बचाता है। आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस लेना एक समझदारी भरा निर्णय है। तो आइये जानते हैं कैसे हम अपने परिवार के लिए बेस्ट तो आइये जानते हैं कैसे हम अपने परिवार के लिए बेस्ट हेल्थ इंश्योरेंस को चुनें।

● बीमा किश्त राशि

इसको हम प्रीमियम राशि भी कहते हैं जिसको आप को ये नियम के अनुसार भुगतान करना होता है। आप जिस भी कंपनी की हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हो उसकी वेबसाइट पर एक ऑनलाइन कैलकुलेटर होता है जिससे आप अपनी प्रीमियम कितनी देनी है वह जान सकते हैं। परिवार के सदस्यों की आर्थिक स्थिति व मेडिकल हिस्टरी के आधार पर सही बीमा किश्त बताता है। ये आपको मदद कर सकता है एक ऐसी पॉलिसी को चुनने में जो कि आपके ऊपर ज्यादा भार ना डालें और आपके इमरजेंसी मेडिकल खर्चों को कवर कर सके।

● अधिकतम कवरेज

यह जानना सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपकी पॉलिसी क्या क्या कवर कर रही है। काफी ऐसी गंभीर बीमारियां हैं जैसे दिल का दौरा, कैंसर स्ट्रोक, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, किडनी फेल्यर आदि जिसको पॉलिसी कवर नहीं करती है।तो इसलिए आपको हमेशा सारे प्लेन्स देखने चाहिए और जिसमे ज्यादा से ज्यादा कवरेज हो उसी प्लान को चुनना चाहिए।

● वेटिंग पीरियड

आपको बता दें कि किसी भी पॉलिसी में पहले से मौजूद बिमारी में वेटिंग पीरियड लगभग 48 महीनों का होता है तो आप को ऐसी पॉलिसी देखनी चाहिए जिसमे आपको वेटिंग पीरियड कम करने का विकल्प मिल सके।

● कैशलेस अस्पताल में भर्ती

यह एक तरीके का लाभ है जो कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करता है। यदि आपको अचानक कोई बिमारी या दुर्घटना खो जाए तो उस समय पैसों का इंतजाम करना मुश्किल पड़ जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप ऐसे इंश्योरेंस को चुनें जो कि आपको अपने आस पास के शहर या गांव में कैशलेस अस्पताल में भर्ती कराने की सुविधा उपलब्ध करा सकें।

● ऐड ऑन

जितनी कवरेज आपकी पॉलिसी आपको दे रही है क्या उसको बढ़ाने का विकल्प मिल सकता है ये आपको हमेशा देख के पॉलिसी चुननी चाहिए।

● डीजी पेमेंट

आपको ऐसे पॉलिसी को चुनना चाहिए जो कि आपको किसी परेशानी के आसानी से बीमा किश्त राशि का भुगतान कर पाए। आपको बता दें कि आजकल आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ईएमआई पर भी ले सकते हैं जिससे आपके हर महीने के खर्च ऊपर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।

● अतिरिक्त लाभ

आप को ऐसी पॉलिसी चुननी चाहिए जिसमें अधिक से अधिक कवरेज हो,, एनुअल हेल्थ चेकअप कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन, एम्बुलेंस कवर, एनुअल नो क्लेम बोनस, कोविड शील्ड आदि को कवर कर आप की पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती हो।

हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे क्या है?

सबसे बड़ा फायदा आपको यह है कि आपको किसी गंभीर बिमारी के इलाज के खर्च पर ज्यादा सोचना नहीं पड़ेगा।। इसके अलावा और भी ऐसी कई फायदे हैं जिसे लिए आपको हेल्थ इंश्योरेंस करवाना चाहिए। तो आइये जानते हैं की इसके अलावा और क्या क्या फायदे हैं—

● बढ़ती परेशानी से होने वाली बीमारी व महंगे इलाज का समाधान

आजकल तनाव पूर्ण ज़िंदगी से बिमारी की संख्या बढ़ने लग गई है। तरह तरह की नई बीमारियां दुनिया भर में आ रही है जैसे कोविद 19 जो कि एक बहुत बड़ी महामारी थी। जितनी बड़ी बिमारी उतना ही ज्यादा उसका खर्च। हाल में इलाज के खर्चे की वृद्धि लगातार दो अंकों यानी 10% से ऊपर होती जा रही है। साथ ही दवाइयों का बढ़ता खर्च भी आम आदमी के लिए काफी महंगा पड़ जाता है। ऐसे में एक हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत समझदारी का काम होता है ताकि आगे आने वाली बिमारी का खर्चा आप आसानी से चुका सकें।

● लंपसम भुगतान का बोझ नहीं पड़ता

बिमारी कभी बताकर नहीं आती है और यदि अचानक बीमार पड़ जाए तो उस समय एकमुश्त राशि जुटाना आसान नहीं पड़ता। खास करके यह वृद्धों के लिए तो और भी जरूरी होता है क्योंकि जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे बीमारियों का घर इंसान में बढ़ने लगता है। बीमा किश्तों के रास्ते आप थोड़ा थोड़ा पैसा जमा कर के बीमा राशि के रूप में लंपसम खर्च से निपटना में सफल रहेंगे।

● कैशलैश इलाज की भी सुविधा मिल जाती है

यदि आप बीमार है तो बिना एक पैसा दिए हुए आप अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हमें यह लाभ भी प्रदान करती है कि हम कैशलैस इलाज करा सकते हैं।लेकिन यह इलाज भी आपके इंश्योरेंस पॉलिसी के कुछ दिए हुए नियम व शर्तों के अनुसार ही होती है।

● हेल्थ इन्श्योरेंस पर टैक्स छूट का भी फायदा

यदि आपके पास इन्श्योरेंस है अपना या अपने परिवार के सदस्यों के इलाज में होने वाले खर्च पर आपके इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 डी के अनुसार टैक्स छूट भी मिलती है। साथ ही साथ आपको बीमा किश्त भुगतान पर भी टैक्स छूट मिलती है।

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से नुकसान क्या हैं?

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी उन लोगों के लिए बहुत महंगी पड़ सकती है जो कि मध्यम वर्ग से नीचे आते हैं। पॉलिसी में लागत इतनी अधिक हो सकती है कि कई लोगों के लिए भुगतान करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है ।इसलिए जिनकी आय कम है उसके लिए ये स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी काफी चुनौतीपूर्ण होता है।

● पहले से मौजूद बिमारी

यह एक अन्य नुकसान है जिससे वह लोग शामिल होते हैं जिन्हें पहले से ही कोई बिमारी हो। ऐसे लोगों को वेटिंग पीरियड से गुजरना पड़ता है जो वैसे तो 4 साल की होती है क्योंकि काफी पॉलिसी पहले से हुई बिमारी को कवर नहीं करती है इसलिए ऐसे लोगों को अपनी बीमारियों के इलाज के लिए 4 साल रुकना पड़ता है।

● वेटिंग पीरियड या प्रतीक्षा अवधि

वेटिंग पीरियड के दौरान आपको अपने बिमारी के इलाज का खर्च खुद उठाना पड़ता है क्योंकि प्रतीक्षा अवधि के समय कुछ या सभी लाभों का दावा पॉलिसी नहीं करता है। केवल किसी भी दुर्घटना से होने वाली बिमारी का इलाज पॉलिसी उस प्रतीक्षा अवधि के समय भी कर सकती है।

● प्रीमियम में वृद्धि

आपको हम ये बता दें कि आपकी बीमा की किश्तें ज्यादातर आपकी उम्र पर निर्भर करती है। यदि आप 30 वर्ष की आयु में स्वास्थ्य पॉलिसी खरीदते हैं या जब आप 50 वर्ष की आयु पर पॉलिसी खरीदते हैं तो प्रीमियम की राशि में काफी अंतर हो सकता है। इसलिए यदि आपकी आयु कम है तो आपको उसी समय अपना स्वास्थ्य बीमा खरीद लेना चाहिए यह आपके लिए काफी लाभदायक होगा।

निष्कर्ष (conclusion):-

दोस्तों हमने इस आर्टिकल में आपको बताया है कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है,कितने समय की होती है,क्या दस्तावेज चाहिए, क्या फायदे हैं और नुकसान है। यदि आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों से भी शेयर करें ताकि वह भी जान सके की हेल्थ इंश्योरेंस क्या है, और वह भी इसे खरीद कर अपने बीमारी के इलाज के खर्च से तनाव मुक्त हो सके। हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा होगा क्योंकि हमने कोशिश की है कि आपको हम आसान और सरल भाषा में समझा सके ।आपको अगर कुछ भी सुझाव देना हो या मन में कोई भी सवाल तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके बता सकते हैं। हम आपके हर कॉमेंट पर जल्द से जल्द रिप्लाई देने की कोशिश करेंगे।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है?

हेल्थ इंश्योरेंस एक तरह कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है जिसमें कि आपके बीमार होने या अनहोनी होने पर उसके इलाज का सारा भुकतान हॉस्पिटल को जमा कराते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्या क्या कवर करती हैं?

कोविद 19 कवर,एम्बुलेंस कवर,ऑर्गन डोनर कवर, आईसीयू शुल्क, इन पेशेंट हॉस्पिटलाइजेशन कवर आदि को कवर करती है।

हेल्थ इंश्योरेंस के आवेदन करने किन किन दस्तावेज की जरूरत पड़ती है?

हेल्थ बीमा लेने से पहले आपको इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है जैसे आयु प्रमाणपत्र, पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो और आधार कार्ड की जरूरत होती है।

रिलेटेड आर्टिकल इन्हे भी पढ़े –

Leave a Comment

Realme P1 pro 5G : realme ने लांच किया रियल मी P1 प्रो 5G फ़ोन जानिए क्या है प्राइस और spec. Best Career Options For Freshers and Experienced 2024- करियर के बिकल्प जॉब के साधन RR vs RCB – बंगलुरु और राजस्थान के बीच आज होगा रोमांचक मुकाबला IPL 2024 2024 में जानिए कौन -कौन है दुनिया के सबसे आदमी – top 10 richest people in the word 80 लाख का SNEAKER X CPU- Total gaming यानि की आजु भाई ने ख़रीदा 80 लाख का sneaker