फोर स्ट्रोक डीजल इंजन की कार्यप्रणाली four Stroke कैसे कार्य करता है जानिए

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे फोर स्ट्रोक इंजन की कार्यप्रणाली के बारे में कि कैसे -कैसे फोर स्ट्रोक डीजल इंजन कार्य करता है। तो अगर आप एक इंजीनियरिंग के स्टूडेंट हो या आप जानना चाहते हो कि फोर स्टॉक diesel Engine कैसे कार्य करता है तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़े आपको हम इस आर्टिकल में संक्षिप्त में बताने वाले हैं कि फोर स्ट्रोक diesel Engine कैसे कार्य करता है फोर स्ट्रोक डीजल इंजन की कार्य प्रणाली क्या है ।

फोर स्ट्रोक डीजल इंजन की कार्यप्रणाली four Stroke Engine kaise kaam karta hai

फोर स्ट्रोक डीजल इंजन क्या है

फोर स्ट्रोक diesel Engine को कंप्रेस इग्निशन इंजन भी कहते हैं क्योंकि डीजल इंजन में हमें cylinder chamber के अंदर fuel को जलाने के लिए स्पार्क plug या अन्य साधन की जरूरत नहीं पड़ती है । इसमें डीजल और एयर कंप्रेस होकर एक टेंपरेचर पहुँचकर पर खुद ही जल जाता है। diesel Engine का कंप्रेशन रेशों पेट्रोल इंजन की तुलना में ज्यादा होता है पेट्रोल इंजन में स्पार्क प्लग का यूज किया जाता है लेकिन diesel Engine में स्पार्क प्लग का यूज नहीं किया जाता है।

फोर स्ट्रोक डीजल इंजन की कार्यप्रणाली

फोर स्ट्रोक diesel Engine थर्मोडायनेमिक डीजल साइकिल पर कार्य करता है। फोर स्ट्रोक इंजन में पावर जनरेसन 4 step में होता है suction, कंप्रेशन ,power or exhaust strokes.चलिए जानते हैं सभी स्ट्रोक को विस्तार से –

1- डीजल इंजन section stroke 

यह diesel Engine का सबसे पहला स्टॉक होता है इसमें पिस्टन टीडीसी से बीडीसी मूव करता है। जब पिस्टन टीडीसी से बीडीसी मूव करता है उस समय इनटेक मैनीफोल्ड से ईयर इन लेट port के माध्यम से हवा इंजन सिलेंडर के अंदर पहुंचती है। इस स्टॉक में पिस्टन हवा को बाहर से इंजन के अंदर खींचता है इसलिए इसे सक्शन स्टॉक कहते हैं। suction स्टॉक के दौरान इनलेट वाल्व ओपन होता है और पिस्टन के बीडीसी पहुंचने से पहले इनलेट वाल्व बंद हो जाता है और section स्टॉक यहाँ पर पूर्ण हो जाता है।

यहाँ पर TDC (top dead center) और BDC (bottom dead center) होता है इसका मतलब होता है इंजन में पिस्टन ऊपर की तरफ लास्ट तक मूवमेंट करता है उसे TDC और नीचे की तरफ़ BDC कहा जाता है।

2- डीजल इंजन compression stroke 

कंप्रेशन स्टॉक में इंजन का पिस्टन बीडीसी से टीवीसी की और मूव करता है और ईयर को हाई प्रेशर के साथ कंप्रेस करता है। कंप्रेशन स्टॉक के दौरान इनलेट और एग्जास्ट वाल्व दोनों बंद रहते हैं । एयर कंप्रेसर होने के बाद जैसे पिस्टन टीडीसी पर पहुंचता है तो इंजेक्टर के माध्यम से diesel फ्यूल का स्प्रे किया जाता है कंप्रेशन स्टॉक के दौरान ईयर का टेंपरेचर हाई प्रेशर के कारण बड़ जाता है जिससे जब diesel का स्प्रे किया जाता है तो यहां तुरंत ही आग पकड़ लेता है।

कंप्रेशन स्टॉक में इंजन का पिस्टन बीडीसी से टीवीसी की और मूव करता है और ईयर को हाई प्रेशर के साथ कंप्रेस करता है। कंप्रेशन स्टॉक के दौरान इनलेट और एग्जास्ट वाल्व दोनों बंद रहते हैं । एयर कंप्रेसर होने के बाद जैसे पिस्टन टीडीसी पर पहुंचता है तो इंजेक्टर के माध्यम से diesel फ्यूल का स्प्रे किया जाता है कंप्रेशन स्टॉक के दौरान ईयर का टेंपरेचर हाई प्रेशर के कारण बड़ जाता है जिससे जब डीजल का स्प्रे किया जाता है तो यहां तुरंत ही आग पकड़ लेता है। अब इसके बाद शुरू होता है पावर स्टॉक

3- डीजल इंजन power stock

कंप्रेशन strokes के अंत में डीजल के स्प्रे होने के बाद सरेंडर के अंदर ब्लास्ट होता है जिससे सिलेंडर के अंदर काफी हाई प्रेशर और पावर जनरेट होता है जिससे यह पिस्टन को नीचे की ओर धकेलता है। इस समय भी inlet और exhaust value बंद ही रहते है। यहां पर cylinder के अन्दर fuel के ब्लास्ट के बाद गैस का काफी ज्यादा pressure होने के कारण Piston TDC से BDC की तरफ आता है। पावर स्टॉक के दौरान जब पिस्टन टीडीसी से बीडीसी आता है तो उस समय पिस्टन crankshaft से जुड़ा होने के कारण crankshaft को रोटेट करता है जिससे हमारा पावर इंजन में जनरेट होता है।

4- डीजल इंजन exhaust strokes 

एग्जॉस्ट स्ट्रोक के समय पावर स्टॉक खत्म होने के बाद पिस्टन बीडीसी से टीडीसी की ओर मूव करता है इसके साथ ही इंजन का आउटलेट वाल्व ओपन हो जाता है और जो जली हुई गैस होती है वह आउटलेट वाल्व थ्रू बाहर निकल जाती है। एग्जॉस्ट stroke के समय केवल आउटलेट वाल्व ओपन होता है इनलेट वाल्व बंद ही रहता है। एग्जॉस्ट स्ट्रोक एंडिंग के समय आउटलेट वाल्व बंद हो जाता है और inlet valve ओपन हो जाता है । इसके बाद फिर से फर्स्ट stroke से process स्टार्ट हो जाती है।

फोर स्ट्रोक डीजल इंजन के लाभ

  • ज्यादा torque – डीजल इंजन में पेट्रोल इंजन की तुलना से ज्यादा torque मिलता है क्योंकि diesel engine का कंप्रेशन रेशों ज्यादा होता है इस कारण डीजल इंजन ज्यादा torque produce कर पता है इसीलिए भारी वाहनों के लिए डीजल इंजन का प्रयोग किया जाता है।
  • ज्यादा power – ज्यादा torque होने के कारण ज्यादा पावर भी diesel engine से मिलती है। हवा और फ्यूल के मिश्रण करने के लिए कारवेटर की जरूरत नहीं होती है। स्पार्क plug की ज़रूरत नहीं होती है क्योंकि डीज़ल engine self ignition engine होता है। less fuel consumption .

फोर स्ट्रोक डीजल इंजन के नुकसान।

FIP फ्यूल इंजेक्शन पंप – डीजल इंजन में फ्यूल इंजेक्शन पंप की जरूरत होती है क्योंकि फ्यूल को हाई प्रेशर के साथ सिलेंडर के अंदर inject करना पड़ता है।

 मेंटेनेंस को ज्यादा होती है। डीजल इंजन में ज्यादा साउंड और ज्यादा vibration होता है ।

डीजल इंजन का प्रयोग ज्यादातर भारी वाहनों के लिए किया जाता है जैसे ट्रक बस वोट और ट्रेन आदि। जहां पर ज्यादा torque और पावर की जरूरत होती है वहां पर डीजल इंजन का प्रयोग किया जाता है।

आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि डीजल इंजन कैसे कार्य करता है डीजल इंजन की कार्यप्रणाली के बारे में और डीजल इंजन के क्या फायदे और क्या नुकसान है तो दोस्तो उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और अगर आप का कोई अन्य सवाल और अन्य सुझाव है तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें ।

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