इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन कैसे खोले, कार चार्जिंग स्टेशन बिजनेस,

जेसा आप लोगों को पता ही होगा कि बढ़ते वायु प्रदूषण और बदलते जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिये भारत और अन्य विकसित देश पेट्रोल डीज़ल गाड़ियां को छोड़कर इलेक्ट्रिक वीइकल कि और आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि इलेक्ट्रिक वीइकल से प्रदूषण काफी कम या ना के बराबर होता है पेट्रोल डीज़ल vehicles के मुकाबले,  भारत सरकार भी इस प्रोजेक्ट पर काफी तेजी से काम कर रही है, 2030 – 35 तक इंडियन मार्केट में लगभग 70 to 80 पर्सेंट गाड़ियां इलेक्ट्रिक वीइकल हों सकते हैं।

इलेक्ट्रिक वीइकल के आने वाले दौर को देखते हुए इसमें बिजनेस और रोजगार के काफी नये अवसर मिलने वाले हैं उन्हीं में से एक बिजनेस आइडिया है इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन बिजनेस। भारत मे लगभग सभी ऑटोमोबाइल कंपनियां ने अपने इलेक्ट्रिक वीइकल लॉन्च कर दिए है और काफी इलेक्ट्रिक वीइकल बिक भी चुके है लेकिन अभी लोगों को सबसे बड़ी समस्या इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन की हो रही है क्योंकि काफी कम ईवी चार्जिंग स्टेशन अभी उपलब्ध है और जो है भी वह बड़े-बड़े शहरों में है।

Electric charging station Kaise Khole,इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन कैसे खोले

तो दोस्तों अगर आप अपना कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हो या आप सोच रहे हो तो इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन बिजनेस प्लान (ईवी चार्जिंग स्टेशन )आपके लिए फायदेमंद हो सकता है इस आर्टिकल में हम आपको Electric charging station Kaise Khole, कितनी लागत आपको इस बिज़नेस में लग सकती है, क्या क्या equipment की आपको जरूरत होगी और इस बिजनेस में कितनी कमाई हो सकती हैं ये सभी जानकारी मिलने वाली है तो जानने के लिये इस आर्टिकल को ध्यान से और पूरा जरूर पढ़े।

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Electric charging station कैसे खोले full बिज़नेस प्लान

चलिए दोस्तों जानते है की कैसे आप अपना ईवी चार्जिंग स्टेशन खोलकर कर अपना बिज़नेस कर सकते हो ,डिटेल्स में जानने की कोशिस करिंगे ,ईवी चार्जिंग स्टेशन में कितनी लागत आएगी और कितनी कमाई होगी –

EV (electric vehicles) charging station क्या है।

एक इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन वह जगह है जो कि बिजली का स्त्रोत प्रदान करता है, जिससे आपका इलेक्ट्रिक वीइकल कनेक्ट होता है और उससे आपके इलेक्ट्रिक वीइकल को चार्ज होने के लिए बिजली मिलती है। इससे आप कोई भी इलेक्ट्रिक गाड़ी,स्कूटर,बाइक, आदि चार्ज कर सकते हैं।

कुछ चार्जिंग स्टेशनस में काफी कुछ नयी चीज़े भी देखने को मिल जाती है जैसे कि स्मार्ट मीटरिंग,सेलुलर क्षमता और नेटवर्क कनेक्टिविटी, लेकिन वैसे समान्य रूप से य़ह काफी बुनियादी होते हैं और इनमें सारी एक सामान सुविधाएं प्राप्त होती हैं। चार्जिंग स्टेशनस को ‘इलेक्ट्रिक वीइकल आपूर्ति यंत्र’ (यानी ईवीएसई) भी कहा जाता है और य़ह ज्यादातर अभी तक नगरपालिकाओं के पार्किंग स्थान पर मौजूद होते है, जो कि इलेक्ट्रिक यूटिलिटी कंपनियों द्वारा लगाए जाते हैं या फिर रीटेल शॉपिंग सेंट्रो में प्राइवेट कंपनियों द्वारा लगाए जाते है।

Electric Vehicle Charging Business के लिए बेस्ट Location

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन आप किसी भी बस अड्डे के बाहर रेलवे स्टेशन पैट्रोल पंप के और शॉपिंग मॉल आसपास शुरू कर सकते हैं क्योंकि यहां पर गाड़ियों की आवाजाही सबसे अधिक होती है और आप लोगों को मालूम है कि आज के समय भारत में अधिकांश लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसे में उन्हें चार्जिंग संबंधित समस्या आने पर अपने गाड़ी को चार्ज करवाना पड़ेगा और ऐसी जगह पर आप इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोलकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं बता दें कि, 3 प्रकार के प्रकार के इलेक्ट्रिक चार्जिंग  स्टेशन आप खोल सकते हैं पहले प्रकार में  मॉल, पेट्रोल पंप रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। दूसरे टाइप में गवर्नमेंट के सभी ऑफिस के अंदर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।तीसरे टाइप में हाईवे और व्यस्त रोड पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोले जा सकते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बिजनेस के लिए नियम

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन खोलने के नियम क्या है तो हम आपको बता दे की सरकार के द्वारा इसके लिए विशेष प्रकार के नियम निर्धारित किए गए हैं जिसके मुताबिक सड़क के दोनों साइड 3 किलोमीटर की दूरी पर  इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन आप खोल सकते हैं पहले के समय 25 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई थी जिसे आप घटकर 3 किलोमीटर कर दिया गया है क्योंकि जिस प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है आने वाले दिनों में हम आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन आपको भारत के सभी छोटे बड़े शहरों में दिखाई पड़ेंगे।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन सब्सिडी

सरकार के द्वारा इलेक्ट्रिक गाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सब्सिडी योजना भी शुरू की गई है हम आपको बता दे कि यदि आप इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन का बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो  सरकार आपको ₹6 लाख तक की सब्सिडी देगी ताकि आप अपना खुद का इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन खोल सके।

इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन को लेकर सरकार की गतिविधियाँ (future plan)

इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन को लगाने के लिए सरकार द्वारा दिए गए कुछ नोटिस जिनको आपको जानना जरुरी है ।

भारत सरकार ने शहरों में हर तीन किलो-मीटर पर, हाई-वे पर हर पचीस किलो-मीटर और सौ किलो-मीटर हाई-वे पर जिन पर हेवी ड्यूटी गाड़ियां आती हो,इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन बनाने को कहा है। भारत सरकार ने स्टेज 2 के लिए 2023 तक 1000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन बनाने का टार्गेट रखा है। भारत सरकार ने किसी भी व्यक्ती के लिए जो इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन लगाना चाहता है उसके लिए ईवी का लाइसेन्स मुफ्त कर दिया है। कई राज्यों में सरकार जो लोग इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन खोलना चाहते है उनको सब्सिडी भी दे रही है।

इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन खोलने में लगने वाली लागत

दोस्तो इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन खोलने की लागत आपके बिजनेस पर निर्भर करती है अगर आप छोटे स्तर से शुरू करते हो तो आपको कम से कम 5 लाख रुपये की जरूरत होगी।

इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन को खोलने के लिए दो प्रकार की लागत लगती हैं।

ईवी चार्जिंग स्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर की लागत  –

इसमें आपको जमीन जहां आप अपना इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन खोलना चाहते हो,civil work, बिजली कनेक्शन, ट्रांसफॉर्मर,इलेक्ट्रॉनिक technician और कुछ मैनपावर की जरूरत हो सकती है।

अगर आपके पास खुद की जमीन है तो आपको किराया पर लेने की या खरीदने की जरूरत नहीं होगी और आपके जमीन के पैसे बच जायेंगे , अगर आपके पास जमीन नहीं है तो आप किराया पर ले सकते हो या जमीन खरीद सकते हो और उस पर अपना इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन बना सकते हो, इसकी लागत आप खुद तय कर सकते हो ।

ईवी चार्जिंग स्टेशन के लिए चार्जर की लागत  –

सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार,जनता के इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन में कम से कम तीन हाईस्पीड (डीसी) चार्जर्स और दो स्लो (एसी) चार्जर्स होना आवश्यक है। पहले पड़ाव के चार्जर्स की कीमत दूसरे और तीसरे पड़ाव के चार्जर्स के मुकाबले कम है ।  इन सभी चार्जर की कीमत आप पर निर्भर करती है की किस कंपनी से आप चार्जर खरीदते हो ,मार्किट में आपको सस्ते से लेकर महंगे तक चार्जर मिल जायेगे।

Charging Station के चार्जर के प्रकार

चार्जिंग स्टेशन के अंतर्गत गाड़ियों को चार्ज करने के लिए दो प्रकार के चार्जर का इस्तेमाल होता है जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं-

एसी चार्जिंग/स्लो चार्जिंग (AC Charging/Slow Charging)

  • इस चार्जिंग स्टेशन के चार्जर AC चार्जर होते है।
  • इसके द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को आप धीमी गति से चार्ज कर पाएंगे
  • Ac चार्जिंग के चार्जर से इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज थोड़ा समय लगेगा
  • इसमें बिजली की खपत कम होती है
  • इसे इंस्टॉल करना काफी आसान है
  • इसके द्वारा किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन को संपूर्ण चार्ज करने में कम से कम 6 से 14 घंटे का समय लग जाता है।
  • AC चार्जिंग काफी सस्ते होते हैं
  • AC Charging या Slow Charging का इस्तेमाल अधिकांश दो पहिया, तीन पहिया इलेक्ट्रिक वहां को चार्ज करने में किया जाता है

2. डीसी चार्जिंग/फास्ट चार्जिंग (DC Charging/Fast Charging)

  • इस प्रकार के चार्जर हाई पावर डायरेक्ट करंट चार्ज होते हैं
  • इसके द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज गति से चार्ज कर सकते हैं
  • DC चार्जिंग के चार्जर से इलेक्ट्रिक वाहनों को  चार्जिंग करने में कम समय लगता है
  • दो पहिया, तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों  को इसके द्वारा चार्ज नहीं किया जा सकता है
  • DC चार्जिंग के चार्जर की क्षमता 15 किलोवाट से 150 किलोवाट तक होती है।
  • इसके द्वारा आप किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करेंगे चार्ज होने में कितना समय लगेगा या कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता पर निर्भर करता है 
  • DC Charging को स्थापित करना या लगाना AC Charging  के मुकाबले कठिन है

इसे आप केवल ऐसी जगह पर स्थापित कर सकते हैं जहां पर आप उच्च मात्रा में बिजली प्राप्त करते हो

कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरते है जो कि इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है 

  • ट्रांसफॉर्मर का इंस्टॉलमेंट, कुछ जरूरी उपकरण और सुरक्षा उपकरण
  • 33/ 11 किलोवोल्ट की केबलस लाइन और मीटर से जुड़े सभी जरूरी उपकरण
  • नागरिको से जुड़े सभी काम और इंस्टॉलमेंट
  • उपयुक्त स्थान गाड़ीयों की चार्जिंग और आपके चार्जिंग स्टेशन में घुसने और निकलने के लिए
  • चार्जर मॅाडल का इन्स्टालमेंट जो कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत हो

कुछ कंपनियां जो इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन की सेवायें प्राप्त करा रही है आप भी इनकी फ्रेंचाइजी ले सकते हो और अपना इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोल सकते हो कुछ कंपनियां निम्न है

  • टाटा पावर-मुंबई
  • चार्ज+जोन-वडोदरा
  • चार्ज माइ गड्डी-दिल्ली
  • वौल्टी-नौएडा
  • ईवीक्यू पॉइंट-बेंगलुरु
  • प्लग एन गो-नोएडा
  • डायना हाई-टेक पावर सिस्टम्स-नवीं मुंबई
  • एक्सीकॉम पावर सिस्टम-गुडगाँव

electric vehicles charging में मुख्यतः उपयोग होने वाले कनेक्टर

इन स्टेशनों पर अलग-अलग तरीकों के कनेक्टर प्रदान कराए जाते हैं जिनके अनुरूप विविध तरीके के इलेक्ट्रिक चार्जिंग कनेक्टर के स्टैंडर्ड होते हैं। ईन ईवीएसई यंत्रों को इस्तेमाल करने का खर्च महीने के या साल के फ्लैट रेटस के अनुसार निर्भर करता है,जिसमें पर किलोमीटर-वाटस या घंटों के अनुसार इसका हिसाब किया जाता है।

कईं अन्य तरीके के ईवीएसई अब आते है जो सब अलग-अलग तरीके की चार्जिंग की गति प्रदान करते है। इसके मुख्य types निम्न है

  • पहले प्रकार के चार्जिंग connector एक सौ बीस वोल्ट(१२०)बिजली की खपत करता है, जिसमें अल्टरनेटिंग करंट के प्लग की जरूरत होती है, और एक उसी का अपना सर्किट भी होता है जो करीबन पांच मील की चार्जिंग हर घंटे प्रदान करता है।
  • दूसरे प्रकार के चार्जिंग connector दस से लेकर बीस मील की रेंज की चार्जिंग हर घंटे प्रदान करते हैं। इस तरीके के चार्जर सबसे ज्यादा स्थानो पर सामान्य रूप से देखे जा सकते हैं और य़ह तकरीबन उसी रेट पर बिजली प्रदान करते है जिस रेट पर हमे घर पर बिजली आती है।
  • तीसरे प्रकार के चार्जर्स को डीसी फास्ट चार्जर्स भी कहा जाता है। इस पड़ाव के चार्जर्स चार सौ अस्सी (४८०)वोल्ट की बिजली की खपत करते है, तथा इनका डायरेक्ट प्लग होता है। य़ह ऑन-बोर्ड चार्जर को बाइपास कर बैटरी से स्पेशल चार्जिंग पोर्ट के जरिए डीसी बिजली प्रदान कराते हैं। य़ह डीसी फास्ट चार्जर्स चालीस मील की रेंज हर दस मिनट की चार्जिंग के साथ प्रदान करती है, परंतु यह सारे इलेक्ट्रिक वीइकलस के लिए अनुकूल नहीं है। इसके साथ ही, कुछ उपयुक्तता चार्जिंग connector जैसे कि टैसला सुपर-चार्जर वह है जो विशेष रूप से तेजी से चार्ज करने हेतु ही बनाए गए हैं।

जैसे-जैसे लोगों के रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए चार्जिंग स्टेशनस की मांग बढ़ती जा रही है, उसके चलते ही उन उपकरणों की अधिक जरूरत है जो फास्ट चार्जिंग हाई वोल्टेज पर प्राप्त करा सकते हैं, किन्तु अभी की स्थिति में इतने ज्यादा वोल्टेज का करंट आवासीय क्षेत्रो में ईवीएसई के द्वारा प्रदान कराना सम्भव नहीं है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल(ईवी) चार्जिंग स्टेशन कैसे खोले

आपके पास एक अच्छा स्थान है जहां आप एक स्टेशन खोलने से मुनाफा कमा सकते हैं तो आप जरूर एक इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन खोल सकते हैं। ऐसे चार्जिंग स्टेशनस ज्यादातर पहले से उपलब्ध पेट्रोल पम्प या व्यावसायिक पार्किंग में ही हो सकती है परंतु असल में यह मौका हर तरीके के बिजनेस वाले के लिए खुला है। होटल से लेकर रेस्टोरेंट,सुपर-मार्केट, सिनेमाघर, स्टेडियमस, आदि किसी भी अन्य जगह पर यह इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन खोले जा सकते हैं और इनसे आप काफी लाभ उठा सकते हैं।

चार्जिंग स्टेशन स्थापित आप निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे हैं आईए जानते हैं-

क्षेत्र:- चार्जिंग स्टेशन बिजनेस शुरू करने में लोकेशन की भूमिका काफी अहम रहती है क्योंकि इसके माध्यम से ही आप अपने जज में स्टेशन बिजनेस का संचालन कर पाएंगे हम आपको बता दे की चार्जिंग उपकरण रखने के लिए आपको 10 वर्ग फीट की जगह का होना आवश्यक है इसके अलावा आपके यहां जो गाड़ियां चार्जिंग के लिए आएंगे उनके लिए आपको न्यूनतम 100 वर्ग फीट जगह का होना आवश्यक है तभी जाकर आप चार्जिंग स्टेशन बिजनेस शुरू कर पाएंगे।

आवश्यक उपकरण चार्जिंग स्टेशन  स्थापित करने के लिए चार्जिंग स्टेशन संबंधित आवश्यक उपकरण  सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप आपके पास होना चाहिए हम आपको बता दें कि यहां पर आपके पास डिजिटल तरीके से  भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिए।

मार्केटिंग: – किसी भी बिजनेस को सफल करने के लिए मार्केटिंग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है आप लोगों को मालूम है कि आज के समय ऑनलाइन तरीके से बिजनेस की मार्केटिंग की जारी है इसके लिए युटुब फेसबुक लिंक इंडिया और विज्ञापन कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं कई लोग तो अपनी खुद की वेबसाइट बनाकर उसमें अच्छा कंटेंट लिखकर अपने बिजनेस की मार्केटिंग कर रहे हैं।

लाइसेंस: इस व्यवसाय में लाइसेंसिंग के मामले में महत्वपूर्ण लाभ है। लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है. विद्युत मंत्रालय के अनुसार, भारत में चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बिज़नेस के फायदे

एक नए मार्केट में कदम रखने से जो पहले से ही आगे बढ़ रहा हो, उसमें आप एक उपयुक्त चार्जिंग फीस लेकर, लोगों को आसानी से सेवा उपलब्ध करा कर,लोगों का समय बचाकर, आप काफी मुनाफा कमा सकते हैं।

आप बहुत से तरीकों द्वारा अपने स्थान पर इलेक्ट्रिक वीइकल की चार्जिंग प्रदान करा सकते हैं। जिससे आपको य़ह निम्नलिखित फ़ायदे होगे, जैसे

1) आय में बढ़ोतरी –

एक पहले से चल रहे व्यावसाय में एक और व्यावसाय जोड़ देने से, जो की एक इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन है उससे आप अपने मुनाफे में बढ़ोतरी कर सकते हैं। य़ह अपना पहले से मौजूद काम करने के साथ-साथ आपके लिए, एक दूसरा अतिरिक्त व्यावसाय कहलाया जा सकता है।

2) ग्राहको में आकर्षण –

इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन ना सिर्फ आपके पुराने ग्राहको को सेवायें प्राप्त कराता है ब्लकि और नए ग्राहको को आकर्षित करने में भी मदद करता है, जिससे आप लोगों में आसानी से पहचाने जाने वाले व्यावसाय बन जाते है।

3) ग्राहको का आप पर बढ़ता विश्वास –

इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन लगाने से आप उन ग्राहको का विश्वास बहुत आसानी से जीत लेते है जो वातावरण को सुरक्षित और शुद्ध रखने में विश्वास रखते हैं। ग्राहक भी आजकल जो व्यावसाय वातावरण को सोच में रखकर बिजनेस करता उसी के समर्थन में होते हैं। एक किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प होने के कारण लोगों के बीच इसकी काफी दिलचस्पी है।

भारत अब इलेक्ट्रिक वीइकल के युग में है। आने वाले सालों में, ज्यादातर आईसीई वीइकल,इलेक्ट्रिक वीइकल से बदल जाएगे, इसलिए अब इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन की बहुत ज्यादा मांग होगी।

भारत सरकार ईवी खोलने के लिए बहुत सी स्कीमें और सब्सिडियॉं प्रदान करती है। इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग स्टेशन को खोलने का खर्च कम है, और उससे मुनाफा सार दर साल बढ़ता है। य़ह भारत की ‘गो ग्रीन’ पहल को आगे बढ़ाने में सहयोग करता है।

देखा जाये तो भारतीयों के बीच में इलेक्ट्रिक वीइकल का बढाव थोड़ा सुस्त है। इनकी कीमतें काफी ज्यादा है, बैटैरी की सप्लाय चेन पूरी तरह से आयात पर निर्भर करती है, और चार्जिंग स्ट्रक्चर का भी आकाल है। भारत के सबसे बड़े कार निर्माता ‘मारुति’ तो अभी इलेक्ट्रिक कार्स बना ही नहीं रहा है।’टेसला’ का सुपर-चार्जर भारत में देखा जा सकता है, परंतु उनकी गाड़ियां अभी भी तीन साल बाद ही देखी जाएगी और उसके लिए भी अभी तक कोई प्रमोचन की पुख्ता तारीख नहीं आई है। परिवहन मंत्री ‘नितिन गडकरी’ ने २०३० के खत्म होने से पहले भारत की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वीइकल लाने का लक्ष्य ठाना है। अब लक्ष्य ये है कि तीस प्रतिशत प्राइवेट गाड़ियां हो, सत्तर प्रतिशत व्यावसायिक गाड़ियां, चालीस प्रतिशत बसे और अस्सी प्रतिशत में से दो या तीन पहिया वाहन इलेक्ट्रिक हो जाए, इस दशक के खत्म होते-होते।

ग्लोबली तो इलेक्ट्रिकल वीइकल नेटवर्क को दिन प्रतिदिन बढ़ते देखा जा सकता हैं,जिनके चलते इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनस भी बढ़ रहे है और कोशिश यह ही है कि य़ह स्टेशनस लोगों के आस-पास आसानी से उपलब्ध हो जाए। सरकार, गाड़ी बनाने वाले और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान कराने वाले साथ मिलकर चार्जिंग स्टेशनस के नेटवर्क बनाने में साथ जुड़े हैं।

निष्कर्ष (final words)

ईवी का मार्केट इस वक़्त विकास की ऊँचाईयों पर है, और य़ह लगातार साल दरसाल और आगे बढ़ रहा है। इसके विकास की स्वीकृति खुद आम जनता दे रही है,इसके साथ-साथ कई बिजनेस वाले और सरकार इन चार्जिंग स्टेशनस की आसान उपलब्धता कराने में जुटे हुए हैं। जहां दो हजार दस(2010) में यह ना के बराबर था,वही अब दस मिलियन से ज्यादा इलेक्ट्रिक वीइकल आज सड़कों पर उतर गये हैं, तो इस बात को कहने में कोई दो राय नहीं है और ना हीं आश्चर्य कि इलेक्ट्रिक वीइकल की बढ़ती प्रसिद्धता ने मोबिलिटी सेक्टर को हिला के रख दिया है।

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